उम्र के जिस पड़ाव पर एक-दूसरे का साथ चाहिए था, पति-पत्नी में दरार बढ़ गई। अब साथ रहना भी पसंद नहीं। 40 साल की उम्र पार करने वाले दंपतियों ने परिवार न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी दे रखी है। इनमें काउंसिलिंग के बाद भी समझौते की कवायद विफल रही। अब न्यायालय के आदेश का इंतजार है। परिवार न्यायालय में ऐसे 500 से अधिक वाद लंबित हैं।
केस-1
– अछनेरा थाना क्षेत्र की युवती की 2001 में भरतपुर में शादी हुई थी। पति शिक्षा विभाग में नौकरी करता है। शादी के बाद तीन बच्चे हुए। बच्चों की शादी की उम्र आई तो पति-पत्नी दोनों में झगड़ा हो गया। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। वहां बात नहीं बनी। पत्नी ने अदालत में भरण पोषण, घरेलू हिंसा का वाद दायर किया। इससे नाराज पति ने परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी लगा दी है।
केस-2
– फतेहाबाद निवासी युवक की शादी फरवरी 2003 में राया में हुई थी। पति खेती करता था। दो बेटियां हुईं। पत्नी 7 साल पहले शक करने लगी। इस बात पर दोनों में विवाद हुआ। बात मारपीट तक पहुंच गई। पत्नी बेटियों को लेकर मायके आ गई। पति लेने नहीं आया तो पुलिस में शिकायत की। बात नहीं बनने पर पत्नी ने परिवार न्यायालय में वाद दायर किया। काउंसलिंग में बात नहीं बनी। पति ने तलाक की अर्जी लगा दी है।

