दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को मुख्यालय पर विद्युत अभियंताओं ने चिंतन मंथन शिविर आयोजित किया। उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ की ओर से आयोजित शिविर में अभियंताओं ने एलान किया कि निजीकरण का टेंडर होते ही सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इससे पहले अभियंताओं ने ऊर्जा मंत्री की विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार, पॉवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल और निजीकरण के लिए नियुक्त ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ मीटिंग पर नाराजगी जताई।
शिविर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न अभियंता संघों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने सरकार के निजीकरण के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। शिविर में मुख्य वक्ता ऑल इंडिया पाॅवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने पाॅवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल के पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद दिए जाने वाले विकल्पों का विस्तार से विश्लेषण किया।
बताया कि तीनों ही विकल्प बिजलीकर्मियों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे। ईस्टर्न इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन प्रशांत चतुर्वेदी ने झारखंड में रांची और जमशेदपुर के फ्रेंचाइजीकरण के विरोध में किए गए संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया। इस दाैरान अभियंता संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर, अभियंता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात सिंह, उपाध्यक्ष राहुल बाबू कटियार, संगठन सचिव जगदीश पटेल, सहायक सचिव राहुल कुमार ने भी शिविर में विचार व्यक्त किए। इस दौरान बड़ी संख्या में अभियंता मौजूद रहे।

