छमक नाली रेल पुलिया (संख्या 108) पर शनिवार की शाम 6:15 बजे कानपुर से लखनऊ की ओर जा रही उत्सर्ग एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन से चौथे नंबर के कोच के निचले हिस्से में ट्रैक पर पड़ी लोहे की एक चादर उखड़ कर फंस गई। रगड़ होने पर चिंगारी निकलने लगी। इसकी जानकारी चालक को हुई तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका, जिससे हादसा बच गया। करीब दस मिनट तक ट्रेन मेन रेल लाइन पर खड़ी रही।
शनिवार शाम 6:15 छह बजे लखनऊ की ओर जा रही उत्सर्ग एक्सप्रेस जैसे ही छमक नाली रेल पुलिया पर पहुंची, डाउन रेल पथ के मध्य भाग में बिछी लोहे की चादर उखड़ कर ट्रेन के इंजन से चौथे नंबर कोच के निचले भाग में फंस गई। इससे जोर की आवाज होने के साथ ही रगड़ लगने से चिंगारी निकलने लगी। इस दौरान ट्रेन के चालक को पहिए में कुछ टकराने जैसा महसूस हुआ तो उसने तत्काल ट्रेन पुलिया से कुछ दूरी पर रोक दी और कंट्रोल को सूचना दी। लोको पायलट ने सह पायलट की मदद से किसी तरह से कोच के निचले हिस्से में फंसी लोहे की चादर को हटाया।
इस दौरान सूचना मिलने पर रेलवे कर्मचारी और आरपीएफ, जीआरपी पहंची। ट्रेन दस मिनट बाद सुरक्षित गंतव्य को रवाना हो गई। आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक उन्नाव हरीश कुमार ने बताया कि लोहे की चादर बेहद गली हुई थी जिस कारण उखड़कर वह कोच के निचले हिस्से में जा फंसी किसी प्रकार का कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।