आगरा के शाहगंज में अंकन ज्वेलर्स के मालिक बापी साहू ने लोगों से जेवरात और नकदी की धोखाधड़ी की। इसके बाद मकान और दुकान बेचकर भाग गया। एक पीड़ित ने शाहगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने उसकी पत्नी से पूछताछ की तो पता चला कि वह लाटरी में रकम हार चुका है। विदेश भाग जाने का अंदेशा जताया जा रहा है।
पार्श्वनाथ पंचवटी, ताजनगरी निवासी अमित सिंह की पीतांबरा ज्वेलर्स नाम से फर्म है। उन्होंने पुलिस को बताया कि शाहगंज स्थित अंकन ज्वेलर्स का मालिक बापी साहू और उसकी पत्नी अपर्णा साहू ने 15 लाख रुपये के जेवरात लिए थे। व्यापार के सिलसिले में जेवरात लेते-देते थे। अब रकम नहीं दे रहे हैं।
जब जानकारी की तो पता चला कि बापी साहू अपना मकान और दुकान बेचकर भाग गया है। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद सर्विलांस से उसकी तलाश शुरू की है। उसकी पत्नी अपर्णा साहू बच्चों के साथ अहमदाबाद में रह रही थी। पुलिस टीम हवाई जहाज से अहमदाबाद पहुंची और आरोपी की पत्नी को लेकर आगरा आई।
पुलिस ने रविवार को शाहगंज थाने में पूछताछ की। पत्नी ने पुलिस को बताया कि पति बंगाल में बड़े पैमाने पर लाटरी खेलकर रकम हार बैठा है। वह साथ नहीं रहता है। एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि सराफा व्यापारी लाटरी में रकम हार गया था। मकान और दुकान एक ही बिल्डिंग में थे। 55 लाख रुपये में आरोपी ने मकान और दुकान बेच दिए।
जिसे मकान व दुकान बेचे हैं, उसका भी कर्ज बकाया था, जिसे सराफ दे नहीं पा रहा था। पुलिस ने बताया कि सराफ ने छह से 8 लोगों से लाखों के जेवरात उधार पर लिए थे। किसी का भुगतान नहीं किया। साहू पर करीब एक करोड़ रुपये की देनदारी बताई गई है। पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपी सराफ की पत्नी को उसके भाई के सुपुर्द कर दिया।
विदेश भाग चुका है सराफ
पुलिस ने बताया कि आरोपी बापी साहू भारत छोड़ चुका है। पत्नी ने बताया कि पति का दोस्त दक्षिण अफ्रीका में है। वह 11 मई को ही भारत से जा चुका है। वहां नौकरी की तलाश में गया है। जिन धाराओं में शाहगंज थाने में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज है, उसमें सात साल से कम की सजा है। ऐसे में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी। पुलिस चार्जशीट लगाएगी।
पहले भी भाग चुके हैं लोग
यह पहला मामला नहीं है जबकि लोग अपने घर और दुकान बेचकर भागे हों। शाहगंज में करीब तीन साल पहले भी एक सराफ अपनी संपत्ति बेचकर फरार हो चुका है। उसने भी दर्जनों लोगों के ब्याज पर दी रकम हड़प ली थी। लोगों के काफी प्रयास करने के बाद भी रकम नहीं मिल सकी थी।