गाजीपुर में ट्रिपल मर्डर मामले की जांच में सामने आया है कि मृतक कुसुम दूसरे पति से अलग होने के बाद सात साल से मायके में रह रही थी। वो मेडिकल स्टोर चलाती थी। बहन के नाम पर खेत की रजिस्ट्री किए जाने से भाई अभय नाराज था।
गाजीपुर की कोतवाली क्षेत्र के डिलियां गांव की यादव बस्ती की रहने वाली कुसुम यादव की शादी करीब डेढ़ दशक पूर्व हुई थी। पहले पति से अनबन के बाद वह उससे अलग हो गई थी। पिता शिवराम ने कुसुम की दूसरी शादी करा दी लेकिन कुछ दिन बाद उसका दूसरे पति से भी विवाद हो गया। इसके बाद वह सात साल से अपने मायके डिलियां में माता-पिता के साथ रहने लगी थी और गोड़ा में मेडिकल स्टोर चलाती थी।
ग्रामीणों के अनुसार, करीब एक महीने पहले पिता ने डेरा के पास 12 बिस्वा खेत रजिस्ट्री कुसुम के नाम पर कर दी थी। कुसुम का नाम खसरा-खतौनी में भी दर्ज हो गया था।
अभय शहर में प्राइवेट नौकरी करता था, जब उसे इसकी जानकारी हुई तो वह मां जमुनी देवी और पिता शिवराम से विवाद करने लगा लेकिन पिता शिवराम, माता जमुनी देवी और बहन कुसुम यादव को क्या पता था कि खेत का विवाद उनकी जान ले लेगा। घटना को लेकर इतनी दहशत थी कि गांव का कोई व्यक्ति कुछ भी कहने और बताने तक को तैयार नहीं था।
फोरेंसिक टीम ने सील किया कमरा
डिलियां गांव की यादव बस्ती में माता, पिता और बहन की हत्या की जानकारी मिलते ही फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। टीम ने जहां-जहां खून पसरा था, वहां से डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए। इसके बाद एक कमरे को सील कर दिया और वहां पुलिस तैनात कर दी गई है।
12 बिस्वा खेत के लिए मां-बाप व बहन को दौड़ा-दौड़ाकर कुल्हाड़ी से काट डाला
गाजीपुर शहर कोतवाली क्षेत्र के डिलियां गांव की यादव बस्ती में रविवार को दोपहर करीब 12:30 बजे अभय यादव उर्फ भुट्टन (32) ने पिता शिवराम यादव (70), मां जमुनी देवी (65) और विवाहित बहन कुसुम (35) को दौड़ा-दौड़ाकर कुल्हाड़ी से काट डाला।
बहन के नाम पर 12 बिस्वा खेत की रजिस्ट्री करने से अभय यादव नाराज था। वारदात के बाद हत्यारोपी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ घर से भाग गया। पुलिस ने शिवराम यादव के चचेरे भाई व ग्राम चौकीदार अमरनाथ यादव की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।