बिचपुरी की ग्राम पंचायत बाईंपुर के प्रधान मनीष यादव ने बताया कि एक सचिव पर कई ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी होने से वे किसी एक जगह नियमित रूप से नहीं बैठ पाते हैं। राशन कार्ड, वृद्धा और विधवा पेंशन, परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कार्यों में सचिव की रिपोर्ट अनिवार्य होती है।
सचिवों के नहीं मिलने पर ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यदि सचिव रोस्टर के अनुसार बैठें तो लोगों को अपना काम कराने में सुविधा होगी। लड़ामदा गांव के पूर्व प्रधान ठा. कृपाल सिंह का कहना है कि पंचायत सहायकों के जिम्मे सिर्फ आवेदन भरना, पेंशन या मनरेगा की प्रविष्टियां और प्रमाण पत्रों की प्राथमिक तैयारी तक का काम सीमित है। योजनाओं की स्वीकृति, निरीक्षण या फंड उपयोग की रिपोर्टिंग जैसे काम सचिव के बिना नहीं हो पाते, जिससे विकास की गति पर असर पड़ता है।
चार पंचायतों की जिम्मेदारी एक पर
ब्लॉक बिचपुरी में कुल 29 ग्राम पंचायतें हैं, जिनके लिए मात्र 10 सचिव तैनात हैं। किसी सचिव पर केवल एक, तो किसी पर चार पंचायतों की जिम्मेदारी है।
सचिव – ग्राम
कविता सिंह — मोहम्मदपुर, कलवारी, जऊपुरा, सदरवन
चैतन्य शर्मा — अजीजपुर, टपरा, जखौदा, बमरौली अहीर
लिली माथुर — बरारा, मघटई, चौहटना, बिचपुरी
मनोज भगौर — मिढ़ाकुर, अंगूठी, लड़ामदा
मानवेंद्र चौधरी — पथौली, सुचेता, देवरैठा
सौरभ गौतम — बाईंपुर, खासपुर, स्वामी
दीक्षा चौधरी — खलौआ, गढ़सानी, सुतैड़ी
क्षमा कुलश्रेष्ठ — लखनपुर, सुनारी
अशोक कुमार — नानपुर, सहारा
यश वर्मा — अरतौनी
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीण रोहित पंडित, संदीप शर्मा, निशांत चौधरी, सोनवीर कश्यप, गोविंद और गौरव शर्मा ने बताया कि हर ग्राम पंचायत में सचिव की नियमित तैनाती की जाए। इससे योजनाओं की गति बढ़ेगी और शिकायतों का निस्तारण भी आसान होगा। जिला पंचायत राज अधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि एक से अधिक ग्राम पंचायत संभाल रहे सचिवों का रोस्टर तैयार किया गया है। सचिव उसी के अनुसार ग्राम सचिवालय में बैठते हैं। यदि कोई सचिव रोस्टर का पालन नहीं करता, तो शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

