UP : जीएसटी पंजीकरण में तेजी का फरमान जालसाजों के लिए बना ‘सोना’; जानें कैसे हो रहा फर्जीवाड़ा

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UP : जीएसटी पंजीकरण में तेजी का फरमान जालसाजों के लिए बना ‘सोना’; जानें कैसे हो रहा फर्जीवाड़ा

जीएसटी पंजीकरण में तेजी लाने के सरकारी निर्देशों के बाद यह व्यवस्था जालसाजों के लिए सोना बनती जा रही है। शासन ने व्यापारियों को 24 घंटे के भीतर पंजीकरण देने के निर्देश दिए थे, लेकिन सत्यापन की खामियों और प्रक्रियागत पाइपलाइन में दरारों का फायदा उठाकर फर्जी फर्मों के नेटवर्क ने बड़े पैमाने पर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का दुरुपयोग शुरू कर दिया।

राज्य में हाल के सप्ताहों में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। मुरादाबाद के एक मामले में दो मोबाइल नंबरों पर कुल 123 फर्जी फर्मों का पंजीकरण पाया गया और इन रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। जांच में 350 करोड़ की कर चोरी का मामला उजागर हुआ। सहारनपुर में फर्जी फर्म बनाकर लगभग 1.21 करोड़ की जीएसटी चोरी का केस दर्ज किया गया।

केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों के आंकड़े बताते हैं कि यह समस्या स्थानीय नहीं राष्ट्रीय पैमाने पर है। 2024–25 में केंद्रीय व राज्य अधिकारियों ने 25,009 फर्जी फर्मों का पर्दाफाश किया, जिनके जरिये अनुमानित 61,545 करोड़ के आईटीसी क्लेम हुई।

कई मामलों में आईटीसी ब्लॉक की गई और वसूली हुई जबकि आरोपितों पर कार्रवाई जारी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, पोर्टल-आधारित प्रक्रियाओं में स्वचालन और त्वरित पंजीकरण सुविधाओं के कारण सत्यापन के बिना पंजीकरण जारी हो जा रहे हैं। 

फर्जी आवेदन पोर्टल पर आ रहे स्थानीय व्यापारियों और विभागीय सूत्रों की शिकायत है कि रोजाना सैकड़ों-हजारों (स्थानीय रूप से 1,000 से अधिक) फर्जी आवेदन पोर्टल पर आ रहे हैं, जिन्हें रोकने के बाद भी कुछ समयावधि में स्वचालित सिस्टम पंजीकरण दे देता है। विभागीय प्रशिक्षण की कमी भी बड़ी समस्या है। करीब 60 फीसदी अधिकारियों को आवश्यक फील्ड-ट्रेनिंग नहीं मिली है, जिससे सत्यापन और फॉलो-अप कमजोर पड़ते हैं।

हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि व्यापारी को चौबीस घंटे में पंजीकरण देना अच्छा फैसला है। लेकिन, ये चोरों के लिए नहीं है। जालसाज ई-वे बिल जारी करने के लिए मोबाइल-ओटीपी व नंबर बदलने के हथकण्डे अपनाकर नकली लेनदेन कर रहे हैं और आईटीसी लेकर लापता हो जाता हैं। 

इस पर रोक लगाने के लिए जरूरी है कि सत्यापन पूरा होने तक पंजीकरण पर अस्थायी सीमाएं लगाई जाएं और पोर्टल पर लगातार मॉनिटरिंग टीमें बैठकर संदिग्ध कामकाज को ब्लॉक करें। शासन ने इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी किए हैं। जिनमें पते पर फिजिकल सत्यापन को मजबूर करने की प्रक्रिया तेज करने की बात भी शामिल है और संदिग्ध रजिस्ट्रेशन की रद्दीकरण-प्रक्रियाएं त्वरित करने के आदेश दिये जा रहे हैं।

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