वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भीड़ प्रबंधन को लेकर बुधवार को आईआईटी रुड़की की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम पहुंची। साथ में एएसआई की टीम भी मौजूद रही। दोनों टीमों ने परिसर का विस्तृत निरीक्षण कर रेलिंग लगाने के लिए सर्वे किया। आवश्यक मरम्मत और रेलिंग लगाने सहित विस्तृत रिपोर्ट कमेटी को सौंपी जाएगी।
एएसआई की टीम ने मंदिर में लगे प्राचीन पत्थरों की स्थिति का जायजा लिया। बताया कि जल्द इनकी मरम्मत, सफाई और चमकाने का कार्य शुरू होगा। वहीं आईआईटी रुड़की की टीम ने पूरा सर्वे किया। मंदिर में कतारबद्ध दर्शन के लिए रेलिंग लगाए जाना प्रस्तावित था। इसके लिए टीम ने सर्वे किया। पूर्व में मंदिर में आंगन का फर्श धंस गया था। इसका कारण मंदिर में लगी रेलिंग से पानी जमीन के अंदर जाना माना गया था।
इस दृष्टि से भी रेलिंग लगाए जाने से पूर्व आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से सर्वे कराया। मथुरा-व़ृंदावन विकास प्राधिकरण ने रेलिंग लगाने का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। अधिकारियों ने टीम को डीपीआर दिखाया और विशेषज्ञों ने उसकी जांच पड़ताल की। टीम ने मंदिर के चबूतरे, जगमोहन, सीढ़ियों और प्रांगण के हर हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया। सेवायत सदस्य दिनेश गोस्वामी टीम के साथ रहे। उन्होंने बताया कि नए साल से दर्शन व्यवस्था बदली नजर आएगी। कमेटी इस ओर पूरा ध्यान दे रही है कि किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
छह रेलिंग लगेंगी, कोई खड़ा नहीं होगा
मंदिर में छह रेलिंग लगाई जाएंगी। गेट नंबर दो से प्रवेश करने वालों के लिए तीन रेलिंग लगाई जाएंगी, जिनका निकास गेट नंबर चार पर होगा। गेट नंबर एक से प्रवेश करने वालों के लिए भी तीन नई रेलिंग लगाई जाएंगी, जिनसे होते हुए श्रद्धालु गेट नंबर चार से बाहर निकलेंगे। किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में खड़ा नहीं रहने दिया जाएगा। मंदिर में मौजूद पुलिसकर्मी भीड़ को आगे बढ़ाते रहेंगे।

