श्री बांकेबिहारी मंदिर में वर्षाें से श्रद्धालुओं से प्रसाद और फूल माला भोग भंडारी लेकर जगमोहन से सेवाधिकारी को देते चले आ रहे थे लेकिन हाईपावर्ड कमेटी के आदेश पर बुधवार को कटघरे में जाने से भोग भंडारियों को रोक दिया गया। जिससे माहौल गर्मा गया। मंदिर में खड़े रहने वाले सभी भोग भंडारियों ने श्रद्धालुओं का भोग और मालाएं लेने से इन्कार कर दिया तो श्रद्धालुओं ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ श्रद्धालुओं ने मालाएं फेंकना शुरू कर दीं जिससे मामला बढ़ने लगा। जानकारी मिलते ही कई सेवायत आ गए। उन्होंने प्रबंधन के आदेश को तुगलकी फरमान बताया। मामला बढ़ता देख प्रबंधन से कमेटी के अध्यक्ष को पूरे मामले से अवगत कराया तो उनसे आदेश मिलने के बाद एक भोग भंडारी को अनुमति प्रदान की गई। उसके बाद श्रद्धालुओं को भोग लग पाया।
श्री बांकेबिहारी मंदिर में 14 भंडारी हैं, इनमें मंदिर के सेवायत गोस्वामी अपनी सेवा आने पर अपने संपर्क के आठ भंडारियों को सेवा में सहयोग के लिए बुला लेते हैं। ये मंदिर के जगमोहन और वीआईपी कठघरे में सेवाधिकारी के सहयोग के लिए रहते हैं। यही श्रद्धालुओं के भोग, न्योछावर एवं फूलों की माला को ठाकुरजी तक पहुंचाते हैं। ठाकुरजी का प्रसाद लगाने के बाद श्रद्धालुओं को लौटा देते हैं।
सेवायत मम्मू गोस्वामी ने बताया कि यह तुगलकी फरमान है। उन्होंने कहा कि लगातार मौखिक निर्देश से अव्यवस्था हो रही है। आस्था से खिलवाड़ हो रहा है। बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड कमेटी नित नए मौखिक आदेश कर देती है। न तो लिखित में आदेश जारी होते हैं और ना ही मंदिर के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए जाते हैं। भंडारियों को हटा दिया गया, जिससे दर्शनार्थियों की माला और भोग ठाकुरजी तक नहीं पहुंचा। मंदिरों में माला प्रसाद नहीं चढ़ेगी तो कहां चढ़ाई जाएगी।
श्रीबांकेबिहारी मंदिर के सेवायत बसंत गोस्वामी ने कहा कि श्रीबांकेबिहारी मंदिर भक्त और भगवान के बीच सेवा कार्य में लगे भंडारियों को हटा दिया गया है। इससे श्रद्धालु ठाकुरजी तक अपना भोग नहीं पहुंचा पाने के कारण फेंक रहे हैं। उनकी भावना आहत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर की वर्षों पुरानी शिष्य परंपरा को भी आघात पहुंच रहा है। वीआईपी कठघरा में उनके शिष्य दर्शन करने आते थे। उस पर भी पाबंदी लगा दी है। बताया जा रहा है कठघरा सिर्फ वीआईपी के लिए हैं। पुलिसकर्मी जिसको ला रहे हैं। वहीं वीआईपी है। इसे लेकर गोस्वामी समाज में रोष व्याप्त है।
बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत मोंटू गोस्वामी का कहना है कि हाईपावर कमेटी द्वारा ना तो नोटिस चस्पा किया जा रहा है, ना ही किसी को जानकारी दी जाती है। अचानक भंडारियों को जगमोहन से बाहर कर दिया गया। जबकि मंदिर में वर्षों पुरानी परंपरा है कि भंडारी श्रद्धालुओं से माला, प्रसाद लेते हैं और सेवायत गोस्वामी को देते हैं।
सेवायत हाईपावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने कहा कि वीआईपी कठघरे में भीड़ को देखते ही कमेटी के अध्यक्ष ने मंदिर प्रबंधक को वहां खड़े लोगों को हटाने के आदेश दिए थे। श्रद्धालुुओं को सुलभ दर्शन और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। जब कोई नई व्यवस्था होती है तो थोड़ी बहुत परेशानी होती है।

