बहराइच के कछार और गन्ने के खेत के बीच भेड़िये वन विभाग को छका रहे हैं। पिछले वर्ष से अब तक 80 से अधिक हमले हुए हैं। हमलों में 14 की जान जा चुकी है। अब भी लोग दहशत में जी रहे हैं। भेड़िये 120 से अधिक मवेशियों को भी मार चुके हैं। बहराइच में बारिश और बाढ़ के बीच सरयू के कछार इलाके में भेड़ियों का हमला नहीं थम रहा। कछार के साथ ही गन्ने के खेत के बीच भेड़िये लगातार वन विभाग को छका रहे हैं। बीते डेढ़ वर्ष में 80 से अधिक हमलों में एक महिला और 13 मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। 120 मवेशी भी इनके शिकार बने हैं। अपनों को खोने के बाद परिजन बिलख रहे हैं और पिंजरा लगाने के बाद भी वन विभाग के हाथ खाली हैं।
फखरपुर, कैसरगंज और महसी का सरयू कछार आदमखोर भेड़ियों के हमलों से दहल उठा है। शनिवार को रक्षाराम यादव का पुत्र अंकेश मां की गोद में दूध पी रहा था।
बच्चे को लेकर पास की झाड़ियों में गायब
अचानक आए वन्यजीव ने उसे मां की गोद से झपट्टा मारकर जबड़े में दबोच लिया। मां जब तक शोर मचाती, तब तक वह बच्चे को लेकर पास की झाड़ियों में गायब हो गया।
जिले में भेड़ियों के 80 से अधिक हमले
बिलखते हुए मां ने कहा कि हमला भेड़िये ने किया। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने तेंदुए को देखा है। वन विभाग अभी तक पक्के तौर पर कुछ कह नहीं पा रहा है। 10 मार्च 2024 से अब तक जिले में भेड़ियों के 80 से अधिक हमले हो चुके हैं।
इनमें एक महिला और 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस वर्ष जून से अब तक चार मासूम भेड़िये के शिकार बन चुके हैं। पिछले वर्ष भी भेड़िये ने आठ बच्चों और एक अधेड़ महिला को मार डाला था। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला था।
वन विभाग ने लगाया पूरा जोर
डीएफओ राम सिंह यादव का कहना है कि सरयू कछार घनी झाड़ियों और गन्ने के खेतों से घिरा हुआ है। यही वजह है कि वन्यजीवों को छिपने और अचानक हमला करने का मौका मिल जाता है।

