नई दिल्ली। अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन को बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने का न्योता दे डाला।
इस खबर के सामने आने के बाद से भारत की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल, लालमोनिरहाट जिला भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब है। इसे चिकन नेक के नाम से भी जाना जाता है।
अक्टूबर तक शुरू हो सकता काम
मोहम्मद यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का सुझाव दिया। सूत्रों के मुताबिक इसी साल अक्टूबर तक एयरबेस का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। वहीं एक पाकिस्तानी कंपनी एयरबेस निर्माण में सहयोग करेगी। बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहउद्दीन शोएब चौधरी ने एक वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में यह दावा किया।
भारत ने रिपोर्ट्स का अध्ययन किया शुरू
भारत सरकार बांग्लादेश की इस पहल को चुनौती के तौर पर देख रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने की चीन प्रोजेक्ट से जुड़ी रिपोर्ट्स का अध्ययन शुरू कर दिया है।
लालमोनिरहाट जिला उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश में स्थित है। यह भारत के जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के करीब है। अगर यहां चीन की मौजूदगी होती है तो यह भारत के सामने नई चुनौती पेश करेगा।
बांग्लादेश जाएंगे पाकिस्तान के विदेश मंत्री
उधर, बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ भी अपनी करीबी बढ़ाने में जुटा है। 24 अप्रैल को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ढाका की यात्रा करेंगे। उससे पहले 17 अप्रैल को विदेश सचिव आमना बलूच बांग्लादेश आएंगी। इसी दिन पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच विदेश सचिव स्तर की बैठक होगी।
इसके बाद 24 अप्रैल को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बतौर पाकिस्तानी विदेश मंत्री आखिरी बार हिना रब्बानी खार ने साल 2012 में बांग्लादेश का दौरा किया था।
यूनुस ने पूर्वोत्तर राज्यों का किया था जिक्र
अपनी चीन यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने एक और विवादित बयान दिया था। मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य जमीन से घिरे हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं है। इस वजह से बांग्लादेश समुद्र क्षेत्र में एकमात्र संरक्षक है। भारत के कई नेताओं ने यूनुस के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
क्या है चिकन नेक?
चिकन नेक कॉरिडोर एक बेहद संकरा मार्ग है। इसके दक्षिण में बांग्लादेश और उत्तर में नेपाल, भूटान और चीन पड़ते हैं। यह कॉरिडोर 60 किमी लंबा और सिर्फ 21 किमी चौड़ा है। भारत की सुरक्षा में इस कॉरिडोर का सामरिक महत्व है।
चिकन नेक कॉरिडोर ही पूर्वोतर राज्यों को देश के अन्य हिस्से से जोड़ता है। अधिक संकरा होने के कारण चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजर हमेशा इस पर रही है। चिकन नेक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है।
2017 में भारत और चीन की सेना के बीच डोकलाम में फेस ऑफ हुआ था। यह जगह चिकन नेक के बेहद करीब है। भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स और पश्चिम बंगाल पुलिस चिकन नेक की सुरक्षा करती है।