नई दिल्ली। भाजपा सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।
इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव सभी के सामने रखा। ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया।
इस दौरान खास बात यह भी रही कि आम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।
ओम बिरला के बारे में जानिए
- सबसे सक्रिय सांसदों में रहे, स्पीकर के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए भी जाने गए
- राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला राजस्थान में तीन बार विधायक भी रह चुके हैं।
- भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
- बतौर सांसद पहले कार्यकाल में 86 फीसदी उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न और 163 बहसों में भागीदारी की थी।
- 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया।
- बिरला के कार्यकाल में नए संसद भवन का निर्माण हुआ।
- तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून भी पारित हुए।
- उन्होंने लोकसभा के 100 सांसदों के निलंबन व संसद की सुरक्षा पर कुछ कड़े फैसले लिए।
बिरला के नाम दर्ज होगा यह रिकॉर्ड
पांचवीं बार ऐसा हो रहा है कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए हैं।