अलीगढ़ की दीवानी में कार्य कर रहे फर्जी अधिवक्ताओं को चिह्नित करने में जुटी दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन ने शनिवार को फिर एक फर्जी अधिवक्ता को पकड़ लिया। दूसरे के नाम से पिछले छह वर्ष से काम कर रहे इस अधिवक्ता के लिखित में गलती स्वीकारे जाने और माफीनामा दिए जाने के बाद पुलिस को सौंप दिया। बार ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है।
दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के सचिव दीपक बंसल ने बताया कि पकड़े गए फर्जी अधिवक्ता बलवीर सिंह निवासी तालिब नगर गोधा के विषय में पिछले कई दिन से शिकायतें मिल रही थीं। जानकारी में आया था कि वह दीवानी के दो वरिष्ठ अधिवक्ता बलवीर सिंह के नाम का दुरुपयोग करते हुए उनके नाम की मिलती जुलती मोहर बनवाकर फर्जी तरीके से वकालत कर रहा है। एक सप्ताह पहले इसको हिदायत दे दी गई कि वह दीवानी में आना बंद कर दे, लेकिन हिदायत के बाद भी उसकी आवाजाही व काम करना जारी रहा।
पूछताछ में उसने स्वीकारा कि वह पिछले छह वर्ष से यहां काम कर रहा है। खुद को बीकॉम शिक्षित बताते हुए कहा कि उसके पास न तो वकालत की डिग्री है न देश में कहीं भी वकालत करने के लिए एसओपी नंबर है। उसके पास से दो आधार कार्ड, तीन डेबिट कार्ड आदि बरामद किए गए। सीओ तृतीय अभय पांडेय के अनुसार प्रकरण में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। मुकदमे के आधार पर आरोपी को जेल भेजने की कार्रवाई तय की जाएगी।
रजिस्टर में मिला 150 से अधिक मुकदमों का रिकॉर्ड
जब बार पदाधिकारियों ने उसे पकड़ा तो उसके पास से एक रजिस्टर भी मिला है। उस रजिस्टर की जब पड़ताल हुई तो उसमें उसके पास 150 से अधिक सत्र न्यायालय में लंबित मुकदमों का विवरण मिला। यह भी बताया कि उसके पास खुद अपने संपर्क से तो मुकदमे आते ही थे, साथ में वह ऐसे अधिवक्ताओं के मुकदमे भी ले लेता था, जिन पर काम का अनुभव नहीं है। या वे नए अधिवक्ता हैं।