UP Weather News: मई के बाद अब तपिश वाले महीने जून के भी तीन दिन गुजर गए हैं लेकिन राजधानी में मौसम ठंडा और सुहाना है। ना चिलचिलाती धूप, ना ही लू के थपेड़े। झुलसाती धूप भरा नौतपा इस बार नरमी भरा रहा। मानसून से पहले अप्रत्याशित बूंदाबांदी की लंबी अवधि, बादल और ठंडी हवाओं ने लोगों को चौंका दिया है। मंगलवार को भी सुबह बारिश और दिन भर बादलों की मौजूदगी से मौसम सुहाना रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह से लगातार सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ, अरब सागर में बने कम दबाव क्षेत्र, नमीयुक्त पूर्वा हवाओं के असर से रुक-रुक कर बूंदाबांदी और बादलों की मौजूदगी इस बदलाव की मुख्य वजह है।
तीन दशकों में पहली बार है पारे में सिलसिलेवार उठा-पटक
राजधानी के वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ संजय मोहन के मुताबिक लखनऊ के तापमान में ऐसी सिलसिलेवार उठा-पटक तीन दशकों में पहली बार देखने को मिला है। अप्रैल के आखिर में पश्चिमी विक्षोभ के असर से राजधानी में आए मौसम में बदलाव, छिटपुट बूंदाबांदी और तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बीते 27 अप्रैल से तीन जून यानी 38 दिनों से जारी है। इन 38 दिनों के बीच यहां पारे में उतार-चढ़ाव और मौसम सुहाना व नरमी भरा रहा। बूंदाबांदी और पूर्वा हवाओं के असर से मई में कई दिन तो मॉनसून के दिनों जितने ठंडे रहे। ऐसे दिनों की संख्या ज्यादा रही, जब अधिकतम तापमान सामान्य से काफी कम रहा। हालांकि बीच-बीच में नमी भरी पुरवाई उमस का भी एहसास कराती रही। जलवायु परिवर्तन का असर अब मौसम पर साफ नजर आने लगा है।