नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बना हुआ है। रविवार सुबह धुंध की मोटी परत देखने को मिली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। आज सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 370 दर्ज किया गया।
इसके साथ ही कई जगहों का AQI 400 से ज्यादा दर्ज किया गया है। राजधानी के सोनिया विहार, अलीपुर, आनंद विहार और बवाना में सुबह 6 बजे AQI 400 से ज्यादा दर्ज किए गए। वहीं कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 350 के करीब है।
CPCB के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 7.30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। आठ क्षेत्रों में एक्यूआई स्तर 400 से ऊपर और 500 के बीच रहा। यह अलीपुर में 410, आनंद विहार में 412, नेहरू नगर में 408, विवेक विहार में 404 और वजीरपुर में 409 था।
कई इलाकों में AQI का स्तर 300 और 400 के बीच
राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में AQI का स्तर 300 के बीच और 400 से ऊपर रहा। अशोक विहार में यह 392, आया नगर में 313, बुराड़ी क्रॉसिंग में 362, चांदनी चौक में 353, मथुरा रोड में 354, डॉ कर्णी में 356 था। द्वारका सेक्टर 8 में 400,
आईजीआई एयरपोर्ट पर 327, दिलशाद गार्डन में 380, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 340, लोधी रोड में 302, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 372, मंदिर मार्ग में 328, नजफगढ़ में 319,
नॉर्थ कैंपस डीयू में 348, ओखला फेज-2 में 371, पटपड़गंज में 388, पंजाबी बाग में 370, 327 इंच पूषा, आरके पुरम में 373, रोहिणी में 382,
राजधानी में GRAP-4 के प्रतिबंध लागू
अगर एनसीआर की बात करें तो फरीदाबाद में AQI 309, गुरुग्राम में 240, गाजियाबाद में 312, ग्रेटर नोएडा में 304 और नोएडा में 309 था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP-4 या प्रदूषण विरोधी उपायों का चौथा चरण दिल्ली और दिल्ली के लिए प्रभावी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में अगले 72 घंटों तक यह लागू रहेगा। कोर्ट ने कहा कि वह अगले सप्ताह इस पर विचार करेगी कि क्या कुछ उपायों में ढील दी जाए। इस चरण के लागू होने के कारण स्कूल, निर्माण कार्य और कई तरह के वाहनों पर रोक है।
बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकल सकते: स्थानीय निवासी
एक स्थानीय निवासी का कहना है, “दिल्ली खतरनाक जगह बन गई है। हमें बाहर निकलने में दिक्कत हो रही है। हम बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकल सकते। दिन-ब-दिन बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली भी इसके लिए जिम्मेदार है।”
एक निवासी का कहना है, “पुरानी कारें अधिक प्रदूषण फैलाती हैं, इसलिए उन कारों का उपयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और किसानों को पराली जलाने से बचना चाहिए। एथलीटों को भी सांस लेने में समस्या हो रही है।”