नई दिल्ली। बाबासाहेब बीआर आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर संसद में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सरकार को घेर रही है। इसी मुद्दे पर बुधवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।
कांग्रेस अमित शाह से इस्तीफे की मांग कर रही है। इसी बीच, पीएम मोदी ने विपक्ष पर पलटवार किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस और उसका सड़ा तंत्र यह सोचता है कि दुर्भावनापूर्ण झूठ से उनके कई वर्षों के कुकर्मों, खासतौर से डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छुपाया जा सकता है, तो वे गलत सोच रहे हैं।
PM मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘देश के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।’
कांग्रेस पर मोदी का पलटवार
PM ने ये भी लिखा है कि आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची है। उस सूची में शामिल है… आंबेडकर को एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनाव में हराना। पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ अभियान चलाया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार किया गया। संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मानित स्थान नहीं दिया गया।
कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि SC/ST समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।
पीएम ने शेयर किया शाह का वीडियो
पीएम ने अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए बयान का वीडियो शेयर किया है। मोदी ने लिखा है, ‘संसद में अमित शाह ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और SC/ST समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस शाह के तथ्यों से परेशान है। इसलिए कांग्रेस नाटक कर रही है। जनता सच्चाई जानती है।
आंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए काम किया
PM ने आगे कहा कि हम आज जो हैं, वह डॉ. बाबासाहेब की वजह से ही है। हमारी सरकार ने पिछले एक दशक में आंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए अथक काम किया है। हमारी सरकार ने डॉ. आंबेडकर से जुड़े पांच प्रतिष्ठित स्थानों, पंचतीर्थ को विकसित करने के लिए काम किया है।
दशकों से चैत्य भूमि के लिए जमीन का मुद्दा लंबित था। हमारी सरकार ने न केवल इस मुद्दे को सुलझाया, बल्कि मैं वहां प्रार्थना करने भी गया हूं। हमने दिल्ली में 26, अलीपुर रोड को भी विकसित किया है, जहां आंबेडकर ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। लंदन में जिस घर में वे रहते थे, उसे भी सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है।