आगरा। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा से BJP सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंगना द्वारा दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर मुकदमा को लेकर दिए प्रार्थनापत्र पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट, एमपीएमएलए ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। कंगना को अपना पक्ष रखने के लिए 28 नवंबर तक का समय दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को स्पेशल कोर्ट (MPMLA) के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था। आरोप लगाया था कि 26 अगस्त 2024 को कंगना रनौत द्वारा दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठे किसानों के लिए अभद्र बयान दिया गया था।
इसके बाद 17 नवंबर 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए ‘गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं’ बयान दिया था।
उक्त बयानों को पूरे देश की जनता का अपमान बताते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई थी ।न्यायालय में वादी और उनके दो गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद मंगलवार को सुनवाई हुई।
वादी पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश स्पेशल कोर्ट, एमपीएमएलए अनुज कुमार सिंह ने कंगना रनौत को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि नियत की गई है।