नई दिल्ली। ब्लैक करेंट या क्राइस्ट थॉर्न के नाम से जाना जाने वाला करौंदा गर्मियों में आने वाला एक ऐसा फल है, जिसे जैम, अचार और प्रिजर्व बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कच्चे करौंदे का स्वाद खट्टा और एसिडिक होता है, वहीं पकने के बाद ये मीठा लगने लगता है।
मानसून के महीने में अक्सर बीमारियों के कारण इम्युनिटी बढ़ाना जरूरी हो जाता है। ऐसे में करौंदा जैसे पारंपरिक फल के सेवन से इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा करौंदे के और भी ढेर सारे बेमिसाल फायदे होते हैं। आइए जानते हैं करौंदा के फायदे-
करौंदे के फायदे
करौंदा विटामिन सी से भरपूर फल है। इसे एक साइड डिश, अचार, ड्रिंक, शर्बत, जैम या चटनी बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
करौंदा फाइबर से भरपूर होता है, जिसके कारण ये कब्ज से राहत दिलाता है।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ये बहुत फायदेमंद है, क्योंकि ये आयरन के एब्सोर्पशन को बढ़ाता है, जिससे आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया से बचाव होता है।
करौंदा में मौजूद विटामिन सी कॉलेजन बनाने में मदद करता है, जिसके कारण यह बाल और स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
यह कोशिकाओं के विकास और उनके रिपेयर में भी मदद करता है।
विटामिन सी इन्फ्लेमेशन से बचाव करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
बाइल के अतिरिक्त सिक्रीशन को रोक कर करौंदा लिवर का भी ख्याल रखता है और लिवर डैमेज से बचाव करता है।
डायरिया में भी करौंदा का सेवन करने से लाभ मिलता है।
ये ब्लड को साफ कर के ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी सहायक है।
करौंदा विटामिन सी के साथ ढेर सारे अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन ए आदि जो कि शरीर को सही पोषण देता है।
एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण करौंदा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव करने में भी सहायक होता है।
यह कैरोटिन, एंटी ऑक्सीडेंट और एस्कार्बिक एसिड से भरपूर होता है।
करौंदा ब्लड शुगर स्टेबलाइजर का भी काम करता है।
हफ्ते में 2 से 3 दिन करौंदा खाने से सेहत अच्छी बनी रहती है। हालांकि, आवश्यकता से अधिक मात्रा में इसके सेवन से बचना चाहिए।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।