नई दिल्ली। दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कथावाचक आसाराम जल्द जेल से बाहर आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के दुष्कर्म मामले में आसाराम को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी।
कोर्ट ने कहा कि रिहा होने के बाद आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे और अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे।न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय रोग के अलावा उम्र संबंधी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। वह केवल चिकित्सा आधार पर इस मुद्दे की जांच करेगा। आसाराम को 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था।
2018 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले उसने कई बार स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की याचिका दायर की थी, लेकिन याचिका को पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने 2023 में गांधीनगर अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। आसाराम वर्तमान में बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है।
अगस्त में सात दिन के लिए आया था जेल से बाहर
इससे पहले अगस्त में आसाराम को दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर लाया गया था। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी।
साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उसके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी।
उसे पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उसे ही वहन करना होगा।