प्रयागराज। संभल स्थित जामा मस्जिद की सिर्फ साफ सफाई होगी। सफेदी व मरम्मत नहीं हो सकेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल कर कहा है कि सफेदी की जरूरत नहीं है।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याची को रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने का समय दिया है। ASI से कहा गया है कि वह सोमवार तक हलफनामे के साथ रिपोर्ट दाखिल करें। मामले में अगली सुनवाई पांच मार्च को होगी।
पूर्व में जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की अर्जी ASI ने खारिज कर दी थी। इस पर कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने गुरुवार ASI की तीन सदस्यीय समिति बनाकर शुक्रवार को रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार व मंदिर पक्ष की तरफ से याचिका का विरोध किया गया है।
ASI ने और क्या कहा?
ASI का कहना है कि संरक्षित स्थल में सफेदी मरम्मत की अनुमति नहीं दी जा सकती। मंदिर पक्ष ने सफाई मरम्मत की आड़ में साक्ष्यों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए विरोध किया था।
जामा मस्जिद कमेटी की ओर से हाइकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट के आदेश के बाद ASI की तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को संभल जामा मस्जिद पहुंची थी।
यहां पर टीम में शामिल अधिकारियों ने जामा मस्जिद के अंदर व बाहरी क्षेत्र का निरीक्षण किया और उसकी फोटो व वीडियोग्राफी भी कराई थी। निरीक्षण के समय एएसपी, एसडीएम व मस्जिद कमेटी सदर भी उनके साथ रहे। इस दौरान जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
अपने मोबाइल से भी फोटो लेते दिखे अधिकारी
गुरुवार शाम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम जामा मस्जिद पहुंची थी। जैसे ही टीम डाकखाना से जामा मस्जिद के पास पहुंची तो उसमें शामिल अधिकारी अपने मोबाइल से उसकी वीडियो व फोटो क्लिक कर रहे थे। इसके साथ ही निरीक्षण के दौरान उन्होंने जामा मस्जिद के चारों ओर से फोटो भी अपने मोबाइल में क्लिक किए।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
कोर्ट के आदेश पर जैसे ही जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों की टीम के आने की सूचना मिली तो प्रशासन सतर्क हो गया था।
ऐसे में पुलिस की ओर से जामा मस्जिद के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस के साथ भारी संख्या में पीएसी व आरआरएफ जवानों को तैनात किया गया था।