एडिलेड। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 6 दिसंबर से एडिलेड में डे/नाइट टेस्ट खेला जाएगा। एडिलेड की पिच के हेड क्यूरेटर डेमियन हफ ने बताया कि पिच पर छह मिलीमीटर घास का उपयोग किया जाएगा। इस प्लान के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरे टेस्ट में भारत को हराना चाहेगी।
पता हो कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2020 में एडिलेड में ही पिंक बॉल टेस्ट खेला गया था। तब पैट कमिंस (4 विकेट) और जोश हेजलवुड (5 विकेट) की घातक गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम अपने टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे स्कोर 36 रन पर ऑलआउट हो गई।
बहरहाल, भारतीय टीम इस समय विश्वास से भरी हुई है। जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारत ने पर्थ में कंगारुओं को रिकॉर्ड 295 रन से मात देकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। अब नियमित कप्तान रोहित शर्मा लौट चुके हैं, जिनकी अगुवाई में भारतीय टीम अपनी बढ़त दोगुनी करना चाहेगी।
पिच के हेड क्यूरेटर ने क्या कहा
डेमियन हफ ने कहा, ”सभी चीजें समान लग रही हैं। तो निश्चित ही घास लगाई गई, घास कवर का उपयोग किया गया, अच्छी गहराई तक नमी, लेकिन पिच सूखी और मजबूत है। तेज गेंदबाजों को तो मदद मिलेगी ही, स्पिनर्स भी इस पर टर्न और बाउंस कराने में कामयाब होंगे।
हमारे लिए यह भी जरूरी है कि कुछ साझेदारियां हो और खिलाड़ी अपने शॉट्स खेल सके। घास की ऊंचाई पिच पर करीब सात मिलीमीटर थी, जिसे अभी छह मिलीमीटर कर दिया गया है।
पिच का रवैया
हफ ने कहा कि ग्राउंड स्टाफ ने ऐसी पिच देने की कोशिश की है, जहां गेंद और बल्ले के बीच अच्छी प्रतियोगिता हो सके। वैसे, नई गेंद के साथ लाइट्स में बैटिंग करना मुश्किल है और इसलिए भी क्योंकि दोनों टीमों के पास मजबूत गेंदबाजी आक्रमण हैं।
पिच बदलने की संभावना के बारे में बात करते हुए हफ ने कहा कि वह पिच के रवैये बदलने का आकलन नहीं कर सकते, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में हमेशा पिच बदलते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एडिलेड पिच से तेज गेंदबाजों व स्पिनर्स को मदद मिलेगी, लेकिन गेंद पुरानी होगी तो यहां बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है।