रामपुर। डूंगरपुर के एक और मामले में सपा नेता आजम खां को कोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को आजम खां को 10 साल की सजा 14 लाख जुर्माना की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान सपा नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीतापुर जेल से जुड़े।
सपा नेता आजम खां के खिलाफ 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें से तीन मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में सपा नेता बरी हो चुके हैं, जबकि एक मामले में उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
आजम खां फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने आजम खां व ठेकेदार बरकत अली को दोषी करार दिया था। गुरुवार को दोनों को सजा सुनाई गई।
यह है मामला
डूंगरपुर निवासी अबरार हुसैन ने गंज थाने में 13 अगस्त, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि तत्कालीन सीओ आले हसन, दरोगा फिरोज खां, ठेकेदार बरकत अली, सीएंडडीएस के जेई परवेज आलम छह दिसंबर, 2016 की सुबह बस्ती में पहुंचे और उनसे मकान खाली करने को कहा।
दरोगा फिरोज ने फायर भी किया। साथ ही उसकी वाशिंग मशीन, सोना, चांदी व पांच हजार रुपये लूटकर ले गए। विवेचना के दौरान सपा नेता आजम खां का भी नाम शामिल किया गया था। इस मुकदमे में जानलेवा हमला और डकैती के भी आरोप लगे हैं।
17 माह में छह मामलों में हुई आजम खां को सजा
सपा नेता आजम खां का आपराधिक इतिहास सजा का मुख्य कारण बन रहा है। आजम पर अब तक 108 मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिसमें 80 मुकदमे ट्रायल पर चल रहे हैं। कोर्ट पिछले 17 माह में छह मामलों में सपा नेता को सजा सुना चुकी है।
हालांकि, चार मामलों में उन्हें बरी भी किया जा चुका है। बरी किए गए एक मामले को अभियोजन की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। सपा नेता आजम खां समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं। वह 10 बार विधायक, चार बार कैबिनेट मंत्री, एक बाद राज्यसभा और एक बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव से सपा नेता की मुश्किलें ऐसी बढ़ीं कि उससे वह अभी तक उबर नहीं पाए हैं। सपा नेता आजम खां पर रामपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद समेत अन्य जिलों में कुल 108 मुकदमे पंजीकृत हुए थे, जिसमें 80 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।