रामपुर। उप्र के रामपुर जनपद के आलियागंज के किसानों की जमीनें कब्जा कर जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के मामलों में सपा नेता आजम खान समेत 12 लोगों पर आरोप तय हो चुके हैं। गुरुवार से गवाही की प्रक्रिया आरंभ होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए छह जून निर्धारित की है।
इन मुकदमों में आजम खान के अतिरिक्त पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा, उनके बड़े बेटे अदीब, छोटे बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला, बहन निकहत अखलाक, चमरौआ के विधायक नसीर खां, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, तत्कालीन अजीमनगर थाना प्रभारी कुशलवीर सिंह, लेखपाल आंनदवीर सिंह, जकी उर रहमान सिद्दीकी, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी और फसीह जैदी आरोपित बनाए गए हैं।
2019 में आजम पर दर्ज किए गए थे ताबड़तोड़
आजम खान पर वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें 27 मामले अजीमनगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुए, जो आलियागंज के किसानों ने दर्ज कराए थे।
इनमें आरोप है कि आजम खां, आले हसन और कुशलवीर सिंह ने किसानों को जबरन उनकी जमीनों को जौहर यूनिवर्सिटी के लिए देने का दबाव बनाया। इसके लिए उन्हें जबरन हवालात में बंद रखा गया। उन्हें चरस व स्मैक के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई।
इसके बाद भी बैनामा न करने पर उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया। इन मामलों की जांच कर पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे।
इन सभी मामलों में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आरोप तय कर दिए हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी के अनुसार अब गवाही होनी है। गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब छह जून को सुनवाई होगी।