नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेडअपना नॉन-फूड बिजनस बेचने की तैयारी में है। इसमें टूथपेस्ट, तेल, साबुन और शैम्पू का कारोबार शामिल हैं। बाबा रामदेव की ही लिस्टेड कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को ही इसे खरीदने का प्रस्ताव दिया गया है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी एक जानकारी में बताया कि उसे पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के नॉन-फूड बिजनस की बिक्री के बारे में एक पत्र मिला है। कंपनी के बोर्ड ने 26 अप्रैल को इस प्रस्ताव पर चर्चा की।
पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना बाबा रामदेव ने की थी। वह कंपनी के प्रमोटर हैं जबकि आचार्य बालकृष्ण इसके एमडी हैं। प्रमोटर ग्रुप के कुल कारोबार में नॉन-फूड बिजनस की 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। पतंजलि फूड्स लिमिटेड का कहना है कि उसने इस प्रस्ताव को मूल्यांकन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
एडिबल ऑयल बनाने वाली कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज के नाम से जाना जाता था। साल 2019 में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में इसे 4,350 करोड़ रुपये में खरीदा था। जून 2022 में कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड किया गया था।
मई 2021 में इस कंपनी ने पतंजलि बिस्कुट्स प्रा. लि. को 60.03 करोड़ रुपये में खरीदा था। इसके बाद जून 2021 में उसके पतंजलि आयुर्वेद के नूडल्स और ब्रेकफास्ट सीरियल्स बिजनस को 3.50 करोड़ रुपये में खरीदा। मई 2022 में पतंजलि फूड्स ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के फूड बिजनस को 690 करोड़ रुपये में खरीदा।
पतंजलि फूड्स का बिजनस
पतंजलि फूड्स ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रस्ताव कंपनी के प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो से मेल खाता है और कंपनी के रेवेन्यू और एबिटा के ग्रोथ में अहम भूमिका निभा सकता है।
पतंजलि फूड्स लिमिटेड देश की टॉप FMCG कंपनियों में शामिल हैं। कंपनी का बिजनस खाद्य तेल के अलावा फूड एंड एफएमसीजी और विंड जेनरेशन सेगमेंट में भी फैला है।
उसके पोर्टफोलियो में पतंजलि, रुचि गोल्ड और न्यूटेला जैसे ब्रांड्स हैं। पतंजलि आयुर्वेद हाल में सुर्खियों में रही थी। भ्रामक विज्ञापनों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को फटकार लगाई थी। इसके लिए दोनों ने सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी