ढाका (बांग्लादेश)। बांग्लादेश के चटगाँव की एक अदालत ने आज कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के बाद पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार कर दिया। इसकी जानकारी द डेली स्टार ने रिपोर्ट में दी है।
मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां के अनुसार, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लगभग 30 मिनट बाद चटगाँव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
अधिवक्ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में कानूनी टीम बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप से उत्पन्न राजद्रोह के मामले में चिन्मय का बचाव करेगी।
डेली स्टार से बात करते हुए वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा, हम ऐनजीबी ओइक्या परिषद के बैनर तले चटगाँव आए हैं और हम चिन्मय की जमानत के लिए अदालत में पैरवी करेंगे। मुझे चिन्मय से वकालतनामा पहले ही मिल चुका है। मैं सुप्रीम कोर्ट और चटगाँव बार एसोसिएशन दोनों का सदस्य हूँ, इसलिए मुझे केस चलाने के लिए किसी स्थानीय वकील की अनुमति की जरूरत नहीं है।
इससे पहले 3 दिसंबर 2024 को चटगांव अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की थी क्योंकि अभियोजन पक्ष ने समय याचिका प्रस्तुत की थी और चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं था।
बांग्लादेश में अशांति की शुरुआत चिन्मॉय कृष्ण दास के खिलाफ दर्ज किए गए राजद्रोह के आरोपों से हुई है, जिन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप है।
25 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी से विरोध प्रदर्शन भड़क उठे, जिसके कारण 27 नवंबर को चटगाँव न्यायालय भवन के बाहर उनके अनुयायियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पों के रूप में हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक वकील की मौत हो गई।