ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के दो दिन बाद ही बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। अवामी लीग और इसके सहयोगी संगठनों के नेताओं ने शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाने की कसम खाई है।
देश में कई सप्ताह तक चले भारी विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने बीते सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थीं। वे इस समय भारत में सुरक्षित स्थान पर हैं। बांग्लादेश के गोपालगंज में अवामी लीग के नेताओं ने कहा है कि शेख हसीना को सम्मान के साथ बांग्लादेश वापस लाने तक वे शांत नहीं बैठेंगे।
अवामी लीग के कार्यकर्ता बुधवार को गोपालगंज के तुंगीपारा में स्थित बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के मकबरे के सामने जमा हुए और अपनी नेता को वापस लाने की कसम खाई। अवामी लीग के गोपालगंज जिलाध्यक्ष महबूब अली खान ने दोपहर के समय शपथ ग्रहण समारोह का संचालन किया।
कार्यक्रम में गोपालगंज जिला अवामी लीग के महासचिव जीएम साहब उद्दीन आजम ने कहा कि वे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे और आंदोलन तब तक जारी रखेंगे, जब तक वे शेख हसीना और उनकी बहन शेख रिहाना को देश में वापस नहीं ले आते।
शेख हसीना की वापसी के संकेत
इससे पहले वे गोपालगंज शहर से जुलूस के साथ तुंगीपारा मकबरे पर पहुंचे। वहां बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अवामी लीग के नेताओं ने ये कसम ऐसे समय खाई है, जब शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने उनकी बांग्लादेश की राजनीति में वापसी में संकेत दिए हैं।
एक वीडियो संदेश में सजीब वाजेद ने कहा कि ‘मैंने कहा था कि हमारा परिवार राजनीति में वापसी नहीं करेगा लेकिन हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को सताया जा रहा है तो हम चुप नहीं बैठ सकते।’
‘शेख हसीना मरी नहीं’
वाजेद ने पार्टी नेताओं से मजबूती से खड़े होने की अपील करते हुए कहा कि ‘अवामी लीग खत्म नहीं हुई है। यह सबसे बड़ी लोकतांत्रिक राजनीतिक पार्टी है। अवामी लीग को मिटाना आसान नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि अवामी लीग के बिना नया लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाना संभव नहीं है।
उन्होंने पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हम आपके साथ हैं। शेख हसीना मरी नहीं हैं। हम बंगबंधु का परिवार हैं। हम कहीं नहीं गए हैं। देश और अवामी लीग को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘इस समय देश की कमान जिस किसी के हाथ में है, मैं उससे कहना चाहता हूं कि हम भी आतंकवाद मुक्त बांग्लादेश चाहते हैं। इसके लिए हम किसी से भी बातचीत शुरू करने को तैयार हैं।’