बरेली। उप्र के बरेली के पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट को लेकर हुए बवाल के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। BDA की टीम ने गुरुवार की सुबह बवाल के आरोपी राजीव राना के होटल और ऑफिस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।
बुलडोजर से सबसे पहले उसके ऑफिस का गेट तोड़ा गया। इसके बाद टीम ने अंदर जाकर छानबीन की। कार्रवाई से पहले राना के होटल और ऑफिस के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया।
इसके बाद होटल सिटी स्टार पर बीडीए का बुलडोजर चला। कार्रवाई के दौरान बीडीए वीसी भी मौके पर पहुंचे। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के चलते पुलिस ने आसपास की दुकानों को भी बंद करा दिया। PAC के अलावा इज्जतनगर, बारादरी, कोतवाली, प्रेमनगर थाने की फोर्स तैनात की है।
यह थी घटना
22 जून की सुबह पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट पर कब्जे को लेकर प्रॉपर्टी डीलर राजीव राना और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी।
बीच सड़क पर खुलेआम फायरिंग की घटना से शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे। शासन ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी। पुलिस ने आदित्य उपाध्याय के चौकीदार रोहित की ओर से रिपोर्ट दर्ज की थी।
इसमें भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, उनके नजदीकी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा समेत 12 को नामजद किया गया, जबकि 150 हमलावर अज्ञात हैं। वहीं दरोगा राजीव प्रकाश की ओर से दर्ज FIR में आठ नामजद हैं। इस मामले में अब तक 21 आरोपियों को जेल भेजा चुका है।
वारदात के बाद से फरार है राना
मुख्य आरोपी राजीव राना और केपी यादव फरार हैं। आरोपी राजीव राना की सरेंडर अर्जी पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 29 जून की तारीख तय की है। वहीं, केपी यादव की आत्मसमर्पण की अर्जी पर बुधवार को सुनवाई होनी थी।
कोर्ट के बाहर पुलिस लगी थी तो वह हाजिर नहीं हुआ। इस बीच बृहस्पतिवार को पुलिस और बीडीए की टीम ने राजीव राना के होटल और ऑफिस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।
फायरिंग करने वाले 55 लोगों की पहचान
फायरिंग मामले में आसपास के सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। इनमें से अधिकतर बंद मिले। घटना के वक्त 25 कैमरे चालू थे। इनकी फुटेज के अलावा वायरल वीडियो देखकर 55 आरोपी चिह्नित कर लिए गए हैं। इनमें से अधिकतर आरोपी अपने मोबाइल फोन बंद करके फरार हैं। मुकदमे में इनके नाम खोले जा रहे हैं।