देहरादून। देहरादून चिड़ियाघर में बंगाल टाइगर को देखने के लिए भीड़ उमड़ने लगी है। आमजन के लिए बाड़े से पर्दा हटाए जाने के बाद पहले दिन बड़ी संख्या में लोग बाघ देखने पहुंचे और फोटो खींचने की होड़ मची रही। इस दौरान बाघ भी माहौल में घुलते-मिलते नजर आए। जबकि, उद्घाटन के दौरान बाघ भीड़ को देखकर डर रहे थे और दूरी बनाए हुए थे।
वन मंत्री ने किया टाइगर बाड़े का उद्घाटन
सोमवार को देहरादून चिड़ियाघर में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने टाइगर बाड़े का उद्घाटन किया था। इसके बाद पर्यटकों के अवलोकन के लिए बाड़े से पर्दा हटाया गया। यहां रखे गए दो बाघों में से एक की उम्र छह वर्ष नौ माह और दूसरे की उम्र चार वर्ष नौ माह है।
बाघ का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे
पहले दिन एक बाघ के सेल का दरवाजा खोलने पर वह बाहर आया, लेकिन बाड़े के बाहर भीड़ देख वापस अंदर लौट गया। कुछ देर बाद बाघ फिर बाहर आया था, लेकिन इसके बाद वह भीड़ से दूर ही रहा। मंगलवार को भी बाघ का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, लेकिन बाघ इस सबसे बेफिक्र नजर आया।
चिड़ियाघर के प्रभारी रेंजर विनोद लिंगवाल ने बताया कि बाघ सुबह से ही बाड़े में इधर से उधर विचरण कर रहा था। शीशे की दीवार के पास पर्यटकों का जमावड़ा लगा होने के बावजूद वह वहीं आसपास घूमने लगा। जिससे पर्यटकों को उम्मीद के अनुसार फोटो भी मिल गए और वह करीब से बाघ को देखकर रोमांचित भी हुए।
बढ़ने लगी चीतल-काकड़ की संख्या
चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डा. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि दोनों बाघ पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने बाड़े में अभ्यस्त हो गए हैं। उन्हें रोजाना नौ-नौ किलो मीट दिया जाता है। अभी उन्हें मीट और हड्डी के छोटे टुकड़े कर दिया जाता है। उनके खान-पान पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
इसके अलावा चिड़ियाघर के अन्य वन्यजीवों की भी उचित देखभाल की जाती है। बीते कुछ माह में घुरल, चीतल, काकड़, सांभर, फीजेंट समेत वन्यजीव और पक्षियों की संख्या बढ़ी है। लगातार नए मेहमान चिड़ियाघर में आ रहे हैं।