पटना। बिहार की राजधानी पटनाके आदर्श केंद्रीय कारागार, बेउर के अधीक्षक विधु कुमार ने अवैध कमाई से पटना, मोतिहारी, शिवहर, पूर्णिया और कटिहार में एक दर्जन से अधिक जमीनें खरीदीं हैं। इसमें एक दर्जन अचल संपत्ति मां शैलजा देवी और पिता गोपाल शरण सिंह के नाम पर खरीदी गई है।
सिर्फ शिवहर की एक संपत्ति विधु कुमार ने अपने नाम पर खरीदी है। सबसे अधिक नौ अचल संपत्ति मां के नाम पर खरीदी गई है। आर्थिक अपराध इकाई ने जेल अधीक्षक पर की गई प्राथमिकी में पूरी संपत्ति का ब्योरा दिया है।
सगुना मोड़ के पास बनाया तीन मंजिला मकान
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, दानापुर के सगुना मोड़ के पास जमीन खरीदकर भव्य तीन मंजिला मकान भी बनाया गया है, जिसके निर्माण में करीब 60 लाख की लागत आने का अनुमान है।
इस संपत्ति पर अप्रैल, 2021 से प्रोपर्टी टैक्स दिया जा रहा है। मोतिहारी में सबसे अधिक छह जगहें जमीन खरीदी गई हैं। इसके अलावा कटिहार में चार और शिवहर व पूर्णिया सदर में एक-एक अचल संपत्ति की खरीद की गई है।
काली कमाई को छिपाने में परिवार के लोगों का किया इस्तेमाल
विधु कुमार ने अपनी काली कमाई को छिपाने में अपने स्वजनों का भी पूरा इस्तेमाल किया। मां-पिता के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी तो पत्नी को कंपनी का निदेशक बनाकर काले धन को सफेद किया। इतना ही नहीं, अपनी मां के नाम पर भी शेल कंपनी बनाई और इसके जरिए काले धन को सफेद करते रहे।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, आरची कुमारी विधु कुमार की दूसरी पत्नी हैं, जिसे उसने नीरज सिंह के साथ कलश आवास डेवलपर्स में पार्टनर निदेशक बनाया है। इसके अलावा रक्सौल के सीए कमल मसकारा के फर्म में नीतू सिंह को निदेशक बनाया है।
नीतू और विधु के बैंक खाते में लेन-देन किए जाने की भी सूचना है। इसके अलावा विधु कुमार के माता-पिता, पत्नी के बैंक खातों की भी जांच की गई है, जिसमें नकद राशि पाई गई है। कई खाते ऐसे भी हैं, जिससे पैसे की निकासी न के बराबर हुई है।
विधु कुमार पर आरोप है कि ये जेल में बंद कैदियों का शोषण कर उनसे पैसों की उगाही करते थे। विधु कुमार के सरकारी आवास से 54 लाख रुपये के सोना-चांदी के जेवर, बर्तन खरीद से संबंधित रसीद बरामद हुए। साथ ही बेउर जेल के कैदियों से वसूली राशि के हिसाब-किताब वाला रजिस्टर, एक स्कॉर्पियो, एक पेन ड्राइव व एक मोबाइल भी बरामद किया गया।