छपरा। सारण जिला परिषद अध्यक्ष जयमित्रा देवी की कुर्सी चली गई है। उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 29 मत एवं विपक्ष में 18 मत पड़े। कुल 47 सदस्य सदन में उपस्थित थे।
बता दें कि सारण जिला परिषद की अध्यक्ष जयमित्रा देवी की याचिका को खारिज करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सारण के डीएम को निर्देश दिया कि वे सारण जिला परिषद की अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए डेट फिक्स करें।
क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?
जानकारी के अनुसार सदस्यों के साथ समन्वय नहीं बनाने, कार्य में पारदर्शिता नहीं बरतने के साथ मनमाने कार्य करने को सहित अन्य कई आरोपों को लेकर जिला परिषद के सदस्यों द्वारा जयमित्रा देवी के विरूद्घ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसकी प्रक्रिया पिछले वर्ष दिसंबर माह में ही शुरू हो गई।
काफी घटनाचक्र व हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद समाहरणालय सभागार में पूर्व निर्धारित समय पर जिला परिषद की विशेष बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आहुत की गई। इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सहित सभी 47 सदस्य उपस्थित हुये। सभी उपस्थित सदस्यों की उपस्थिति पंजी में दर्ज की गई।
जिलाधिकारी ने आरोपों को पढ़ा
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव में जयमित्रा देवी के खिलाफ लगाये गये आरोपों को कंडिकावार पढ़कर सदस्यों को सुनाया गया।
इसके उपरांत पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों द्वारा इन आरोपों को लेकर आपस में चर्चा की गई। चर्चा समाप्त होने के उपरांत मत विभाजन की प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पूर्व सभी सदस्यों को मत विभाजन की प्रक्रिया एवं बैलट पेपर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
मतदान के लिए बैलेट पेपर उपलब्ध कराया गया
अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत विभाजन किया गया। सभी उपस्थित सदस्यों को एक-एक कर नाम लेकर पुकारा गया तथा उन्हें जिलाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित बैलेट पेपर उपलब्ध कराया गया। मतदान के उपरांत मतों की गणना की गई।
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 29 मत तथा विपक्ष में 18 मत पड़े। इस प्रकार बहुमत के आधार पर अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुये पद रिक्त घोषित किया गया।