चिड़ियाघर में बब्बर शेर, मोर के बाद शनिवार देर शाम ब्राह्मी डक पक्षी की मौत हो गई। कर्मचारियों ने उसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकला और बाड़े को सैनिटाइज कराया। रविवार को उसका शव जांच के लिए बरेली भेजा जाएगा। वहीं शनिवार को भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) से आई फाइनल रिपोर्ट में बब्बर शेर और मोर की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि हुई है। संक्रमण का पता चलते ही सभी बाड़ों मे सैनिटाइजेशन और फॉगिंग शुरू हो गई है। चिड़ियाघर के आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर दिया है।
पशुपालन विभाग लखनऊ की तीन सदस्यीय टीम ने चिड़ियाघर का निरीक्षण किया। शहर में कहीं भी मृत पक्षी मिलने पर उसकी तुरंत सूचना देने के निर्देश हुए हैं। अस्पतालों में बेड सुरक्षित कर लिए गए हैं, जबकि नगर निगम को सैनिटाइजेशन के कहा गया है। सभी बाड़े से पशु और पक्षियों के रैंडम सैंपल लेने की तैयारी है। चिड़ियाघर में बुधवार की रात बब्बर शेर की मौत हो गई थी, जबकि गुरुवार शाम को जंगल सफारी के रास्ते में मोर मृत मिला था। दोनों के सैंपल जांच के लिए एनआईएचएसएडी भेजे गए थे। बब्बर शेर का सैंपल गोरखपुर चिड़ियाघर से पहले ही बरेली की लैब भेजा गया था।
इसमें गुरुवार को वहां के अधिकारियों ने संक्रमण की पुष्टि कर दी थी। जिला प्रशासन फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रहा था। शनिवार को भोपाल लैब से आयी रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई। सूचना मिलते ही लखनऊ से एडिशनल डायरेक्टर प्रथम पोल्ट्री डॉ. राजेंद्र प्रसाद, ज्वाइंट डायरेक्ट रोग नियंत्रक डॉ. विवेकानंद गंगवार, संयुक्त निदेशक पोल्ट्री डॉ. राजेश्वर सिंह, अपर निदेशक डॉ. अनिल कुमार गहलौत, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी आईडीएन चतुर्वेदी और चिड़ियाघर के पशुचिकित्सा अधिकारी और रेंजर की टीम ने शेर के बाड़े कि जांच की। यहां से पक्षियों और अस्पताल परिसर में रखे गए वन्य जीवों को देखा। टीम करीब दो घंटे तक पशु और पक्षियों के खानपान समेत अन्य बिंदुओं पर जांच कर लखनऊ चली गई।
रेड जोन हुआ एक किलोमीटर का क्षेत्र
जू निदेशक श्रद्धा यादव ने बताया कि चिड़ियाघर के आसपास एक किलोमीटर का क्षेत्र रेड जोन घोषित कर दिया है। चिड़ियाघर को छह जोन में बांटकर सैनिटाइज मशीनें चलाई जा रही है। नई बड़ी मशीन भी खरीदी गई है। वन्य जीवों को बचाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। उनके खाने पीने की रिपोर्ट ली जा रही है। अब तक की रिपोर्ट में सभी पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
क्षेत्र में चिकन की दुकानें बंद कराई जाएं
चिड़ियाघर प्रशासन ने रेड जोन क्षेत्र में सैनिटाइजेशन कराने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा है। क्षेत्र में कहीं भी मृत पक्षी मिलता है तो उसका सैंपल लिया जाएगा। शहर में भी नजर रखी जा रही है संबंधित नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया गया है। आसपास की चिकन की दुकानों को बंद कराने का निर्देश है।
इसे कहते हैं बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लुइंजा भी कहते हैं। यह मूलत: पक्षियों का संक्रामक रोग है। यह वायरस से होता है। जंगली और पालतू दोनों तरह के पक्षियों को संक्रमित करता है। पहली बार इसकी पहचान पक्षियों में होने से इसे बर्ड फ्लू कहते हैं। जब वायरस म्यूटेशन से अपने को बदल लेता है तो पक्षियों में मनुष्यों में फैलने लगता है। एच5एन1 बर्ड फ्लू का सबसे आम रूप है।
ऐसे फैलता है
बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षी या व्यक्ति के मल, लार तथा दूषित सतह के संपर्क में आने से फैलता है। कभी-कभी यह रोगी के खांसने पर मुंह से निकले थूक के कण के संपर्क में आने से भी हो जाता है।
रेड जोन
रेड जोन असुरक्षित माने-जाने वाले क्षेत्र को कहते हैं। बीमारी को लेकर जो क्षेत्र रेड जोन घोषित होता है, वहां संक्रमण के फैलाव को लेकर सतर्कता बरती जाती है। रोग से बचाव के विशेष एहतियात बरते जाते हैं। वहां रोग के फैलाव को लेकर अलर्ट रहता है।
बचाव के लिए यह करें
– संक्रमित पक्षी या रोगी से दूर रहें
– अधिपका मांस या अंडे न खाएं
– हाथों को गुनगुने पानी से साबुन से मलकर धोएं
– बाहर निकलें तो मास्क का इस्तेमाल करें
– बाहर से घर जाएं तो हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।