रामपुर। बसपा हाईकमान ने उप्र के रामपुर जिले के संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। प्रमोद सागर को जिलाध्यक्ष के पद से हटाने के साथ ही पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है।
पांच बार जिलाध्यक्ष और दर्जा राज्य मंत्री रहे सुरेंद्र सागर को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने अपने बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से की है, इसीलिए उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।
जिला प्रभारी रहे ज्ञान प्रकाश बौद्ध को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। अब तक प्रमोद सागर जिलाध्यक्ष थे। उन्हें पार्टी ने तीन बार जिलाध्यक्ष बनाया। पद से हटने के बाद उन्होंने नए जिलाध्यक्ष को बधाई भी दी, लेकिन इसके कुछ देर बाद उनके निष्कासन की घोषणा कर दी गई।
नए जिलाध्यक्ष ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उन्हें निष्कासित किया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के साथ ही अनुशासनहीनता का आरोप लगा है। कहना है कि बहनजी का आदेश सर्वोपरि है। नए जिलाध्यक्ष ने सुरेंद्र सागर को भी पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की है।
सुरेंद्र सागर बसपा के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। पांच बार जिलाध्यक्ष भी बने। 2022 में मिलक विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी रहे। वह दर्जा राज्य मंत्री भी रहे।
क्यों निकाला गया पार्टी से?
आखिर इन्हें पार्टी से क्यों निकाला गया, इस बारे में सुरेंद्र सागर का कहना है कि हमने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है और न ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। हमेशा पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया है।
हमारा कसूर सिर्फ इतना है कि हमने अपने बड़े बेटे अंकुर सागर की शादी आंबेडकर नगर के सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की है। वह सपा के राष्ट्रीय सचिव भी हैं और सांसद भी रहे हैं। मंगलवार की रात ही हमारे बेटे का रिशेप्शन था, जिसमें त्रिभुवन दत्त भी शामिल हुए थे।
चार नेता बने जिला प्रभारी
बसपा जिलाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश बौद्ध ने बताया कि जिले में चार जिला प्रभारी बनाए गए हैं। इनमें महेंद्र सिंह सागर, नवनीत यदुवंशी, ईश्वरी लाल प्रजापति और राजकुमार सागर शामिल हैं।