नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण शुरू कर दिया है। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में संसद में लगातार आठवीं बार बजट प्रस्तुत कर रही हैं। बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आज के बजट में आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में किए ये एलान
सब्जी, फल और पोषण
सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी।
बिहार में मखाना बोर्ड
बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।
कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों को अल्पकालिक लोन की सुविधा मिलती है। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया है। इसमें 12.78 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
‘ये बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है।
बजट 2025-26 विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने के लिए, मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के बिंदुओं पर आधारित है।
कृषि
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।
दलहन में आत्मनिर्भरता
इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से ये दालें खरीदी जाएंगी।