नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रास्ते पर और स्थिर स्थिति में है। ठहराव के बावजूद निजी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में तेजी आई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने यह दावा सरकार की ओर से आर्थिक सर्वे जारी करने के बाद की है। CEA ने भविष्यवाणी की है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेगा। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक विकास में भी व्यापक आधार पर तेजी की उम्मीद है।
CEA ने कहा है कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं ने मई 2024 तक महत्वपूर्ण परिणाम दिया है। ये योजनाएं गति प्राप्त कर रही हैं और इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त प्रगति दिखा रही हैं। इसके तहत 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश दर्ज किया गया है। नागेश्वरन ने कहा कि इस आर्थिक सर्वे की थीम ऑल हैंन्ड्स ऑन टेबल है।
रुपये के कमजोर होने पर CEA ने कहा कि देश के बहुत कम बाहरी ऋण अनुपात के कारण कमजोर मुद्रा भारत को ज्यादा प्रभावित नहीं करती है। सीईए ने कहा कि विकसित भारत की चुनौतियों से निपटने के लिए घरेलू विकास बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्य आर्थिक सलाहकार यह भी कहा कि राजकोषीय घाटे के कम होने से निवेश-उन्मुख दृष्टिकोण का पता चलता है।
लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश
इससे पूर्व आज शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘देश में बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया गया है। साथ ही कई ऐसे नियमों को हटाया गया है, जिनकी वजह से उद्योगपतियों को परेशानी होती थी। एक केंद्रीय व्यवस्था बनाई गई है।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।