गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सोमवार को हुई मुठभेड़ में अब तक 19 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है और माना जा रहा है कि अभी और शव मिल सकते हैं। वहीं, नक्सली भी रुक-रुक कर गोलीबारी कर रहे हैं।
सोमवार शाम से सुरक्षाबलों ने मैनपुर थाना क्षेत्र में कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान 19 नक्सलियों के शव मिले।
नक्सलियों में ओडिशा प्रमुख भी शामिल
मारे गए नक्सलियों में सेंट्रल कमेटी का सदस्य व ओडिशा प्रमुख मनोज और स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य गुड्डू भी शामिल हैं। मनोज एक करोड़, तो गुड्डू 25 लाख रुपए का इनामी था। मनोज ओडिशा राज्य प्रमुख भी था।
इसी तरह 1 करोड़ का इनामी नक्सली केंद्रीय कमेटी मेंबर जयराम उर्फ चलपती भी मारा गया है। मरने वालों में महिला नक्सली भी शामिल हैं। अन्य नक्सलियों की पहचान की जा रही है। नक्सलियों के पास से SLR राइफल और ऑटोमैटिक हथियार बरामद हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन पूरा होने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी। सोमवार की मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के लिए E30,कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 एवं 211 बटालियन, SOG नुआपाड़ा की संयुक्त पार्टी रवाना हुई थी।
पहले दिन मारे गए थे 2 नक्सली
इससे पहले सोमवार को सूचना मिली थी कि गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया है। मुठभेड़ में कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया था। उसे गंभीर हालत में रायपुर एयरलिफ्ट किया गया था।
नारायणा अस्पताल में भर्ती जवान की हालत स्थिर है। मुठभेड़ मैनपुर थाना क्षेत्र में कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी जंगल में हुई थी। सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच सुबह से रुक-रुककर फायरिंग जारी थी। मौके से तीन आईईडी और एक स्वचालित राइफल बरामद की गई थी।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमाओं पर संयुक्त ऑपरेशन
सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमाओं पर संयुक्त ऑपरेशन के तहत यह कार्रवाई की है। इसमें 10 टीमों ने भाग लिया है। सोमवार सुबह आठ बजे से शुरू हुए ऑपरेशन में तीन टीम ओडिशा पुलिस, दो टीम छत्तीसगढ़ पुलिस और CRPF की पांच टीम शामिल थीं।
दोपहर साढ़े तीन बजे के आस-पास कोबरा बटालियन और SOG टीमों के साथ नक्सलियों का फिर से सामना हुआ। इस दौरान जोरदार गोलीबारी हुई।
ऑपरेशन देर शाम तक चलता रहा। ड्रोन की मदद से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी, जिससे सुरक्षा बलों को उनके मूवमेंट का अनुमान लगाने में मदद मिली।