नई दिल्ली। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान में मंच तैयार हो चुका है। इस बीच, दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की 30 साल पुरानी एक तस्वीर शोसल मीडिया पर छाई हुई है।
इस तस्वीर को कांग्रेस नेता अलका लांबा ने एक्स पर शेयर किया है। इस वायरल तस्वीर में दोनों नेता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के पदाधिकारियों के रूप में एक साथ शपथ लेते हुए दिखाई दे रही हैं।
कांग्रेस नेता ने कैप्शन लिखा- “1995 की यह यादगार तस्वीर
अलका लांबा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “1995 की यह यादगार तस्वीर – जब मैंने और रेखा गुप्ता ने एक साथ शपथ ग्रहण की थी- मैंने nsui से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी।
रेखा ने ABVP से महासचिव पद पर जीत हासिल की थी- रेखा गुप्ता को बधाई और शुभकामनाएं। दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलने पर बधाई और हम दिल्ली वाले उम्मीद करते हैं की मां यमुना स्वच्छ होगी और बेटियां सुरक्षित।”
रेखा गुप्ता ने छात्र राजनीति से की थी शुरुआत
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 30 साल पहले छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। शैक्षिक सत्र 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) की अध्यक्ष के तौर पर भी उनकी नेतृत्व क्षमता काबिलेतारीफ थी।
वह जमीनी स्तर पर काम करने में यकीन करती हैं। छात्र राजनीति में भी रेखा भाजपा की विचारधारा यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ी रही थी। वर्तमान विधायक जितेंद्र महाजन रेखा के नेतृत्व में काम करेंगे। जब रेखा DUSU अध्यक्ष थीं, तब महाजन ABVP में संगठन मंत्री थे।
कई बार चखा हार का स्वाद
रेखा गुप्ता के सामने आज दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने की एक बड़ी चुनौती है, लेकिन वह पर्यावरण को लेकर वह शुरू से ही संजीदा रही हैं। जब डूसू अध्यक्ष थीं, तो पौधारोपण को लेकर काम किया। दौलतराम कॉलेज से छात्र राजनीति में प्रवेश कर दिल्ली की सीएम बनने तक के सफर में उन्होंने कई बार नाकामी देखी, हार का स्वाद चखा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।
निगम में रहते हुए कराया था नेतृत्व क्षमता का अहसास
भाजपा ने रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री घोषित किया है, उन्होंने नगर निगम में शिक्षा समिति की अध्यक्ष रहते हुए सभी को अपनी नेतृत्व क्षमता का अहसास कराया था। तब रेखा गुप्ता उत्तरी नगर निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष थीं और निगम आर्थिक रूप से काफी कमजोर था।
उन्होंने अपनी सूझबूझ से स्कूलों में सुधार के लिए कई कदम उठाए थे। योजनाओं की घोषणा करने के साथ ही उन्हें लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां बात वर्ष 2012 की हो रही है, तब दिल्ली में तीन नगर निगम हुआ करते थे, जिसमें दक्षिणी नगर निगम आर्थिक रूप से संपन्न माना जाता था, जबकि उत्तरी नगर निगम काफी कमजोर।
ऐसी स्थिति थी कि योजनाओं के लिए नेता और अधिकारी घोषणाएं करने से डरते थे। उस दौरान नगर निगम में रेखा गुप्ता पार्षद थीं और उन्हें नगर निगम में शिक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
उन्होंने कम पैसों में बच्चों के भविष्य को लेकर व्यवस्थाएं कैसे बेहतर की जाएं और योजनाओं को लागू कैसे किया जाएं, इस पर काम करना शुरू किया। उन्होंने स्कूलों की दशा सुधारने का काम भी किया।