नई दिल्ली। भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ है।
रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। रीति-रिवाज और परंपरा के मुताबिक कोडिकुन्निल सुरेश का पूरा हक बनता है। मगर यह पूरी तरह से बुलडोजर की मानसिकता है। सरकार पहले दिन से ही पंगा ले रही है।
2019 में वीरेंद्र कुमार बने थे प्रोटेम स्पीकर
जयराम रमेश ने कहा कि 18वीं लोकसभा में कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और वीरेंद्र कुमार (भाजपा) दोनों ही अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। 2019 में वीरेंद्र कुमार और 2014 में कमलनाथ प्रोटेम स्पीकर बने थे। वीरेंद्र कुमार अब मंत्री बन गए हैं। इसलिए उम्मीद थी कि के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा,लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
दिखाना चाहते हैं… हम हुकूमत हैं
रमेश ने कहा, ”भाजपा ने बीजेडी से छह और भाजपा से सातवां कार्यकाल वाले सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। यह टकराव की राजनीति है। अभी वे (भाजपा) ‘बुलडोजर की राजनीति’ की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं।
पहले दिन से ही टक्कर लेना चाहते हैं। दिखाना चाहते हैं कि हम हुकूमत हैं। हालांकि जनादेश प्रधानमंत्री के खिलाफ है। वे (PM मोदी) अब ‘श्री 400’ नहीं बल्कि ‘श्री 240’ हैं।”
दो दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर
रमेश ने कहा कि यह प्रोटेम स्पीकर है क्या? यह दो दिन के लिए हैं। 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने वाला है। 24 और 25 जून को सभी लोकसभा सदस्य शपथ लेंगे। इसकी अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर करता है।