हेलो, मैं एसपी कासगंज बोल रही हूं… साइबर ठग ने हूबहू आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा में आवाज में कॉल की तो पुलिस अफसर भी हैरान रह गए। मध्यप्रदेश का रहने वाला शातिर लंबे समय से महिला आईपीएस की फोटो डीपी पर लगाकर वसूली कर रहा था। एसपी कासगंज की फोटो लगाकर भी ठगी की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर कई जिलों में मुकदमे दर्ज है। पहले साइबर ठगी में जेल भी जा चुका है।
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि बीते दिनों पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा की फोटो को डीपी पर लगाकर विभिन्न जनपदों के लोगों से डराकर साइबर ठगी करने की शिकायत मिली। इस पर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी। थाना साइबर, एसओजी व सर्विलांस की संयुक्त टीम को खुलासे के लिए लगाया गया।
पुलिस ने मंगलवार को साइबर ठग संकेत यादव (22) निवासी मोहल्ला थापक थाना पाटन जनपद जबलपुर, मध्यप्रदेश को कासगंज के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से 75 सिम और चार मोबाइल मिले हैं। आरोपी पर विभिन्न जनपदों में साइबर ठगी में मुकदमे दर्ज है। उन्होंने बताया कि इसी आरोपी ने इससे पहले कासगंज की पूर्व में एसपी रह चुकी आईपीएस अपर्णा कौशिक की फोटो लगाकर आगरा के एक कारोबारी से ठगी की कोशिश की थी। उस मामले में आगरा में मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन तब आरोपी पकड़ा नहीं जा सका था। आरोपी केवल कक्षा नौ तक पढ़ा है, लेकिन बेहद शातिर है।
चोरी के मोबाइल खरीदने का करता था काम
पूछताछ के दौरान आरोपी संकेत ने पुलिस को बताया कि वह साल 2022 से घर पर नहीं रहता। इधर-उधर घूमता रहता है। उसके पिता विकलांग है और मां चाय-नाश्ता की दुकान चलाती है। पहले वह चोरी के मोबाइल खरीदने वाली दुकान पर काम करता था। फिर कुछ समय ग्राहक सेवा केंद्र पर काम किया। वहीं से उसे साइबर ठगी का तरीका सूझा और अधिकारियों की डीपी लगाकर ग्राहक सेवा केंद्र वालों को डराकर वसूली करने लगा।
उज्जैन में सीखा पुलिस की तरह बात करना
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि कुछ समय तक उसने उज्जैन में महाकाल मंदिर में सफाईकर्मी के तौर पर काम किया। जहां अक्सर पुलिस और प्रशासन के अफसर आया जाया करते थे। इस दौरान उसने पुलिस अफसरों की तरह बात करना सीख लिया। फिर गूगल की मदद से महिला आईपीएस के नंबर, उनकी पोस्टिंग की जानकारी और फोटो निकालकर ठगी करने लगा।
15 दिन पहले ही बदायूं जेल से छूटा
एएसपी राजेश भारती ने बताया कि आरोपी संकेत साइबर ठगी के एक मामले में करीब 10 महीने तक बदायूं जेल में बंद रहा। 15 दिन पहले ही वो बदायूं जेल से छूटा। जेल से छूटने के बाद उसने कासगंज की एसपी की फोटो लगाकर ठगी करना शुरू कर दिया। आरोपी आसपास स्थित ग्राहक सेवा केंद्र का क्यूआर कोड भेजकर उस पर पैसे मंगाता था। यह रकम 10 हजार या उससे छोटी होती थी। फिर ग्राहक सेवा केंद्र वाले को उसका कमीशन देकर बाकी रुपये ले लेता था।
फोन पर निकालता महिलाओं जैसी आवाज
एएसपी राजेश भारती ने बताया कि आरोपी फोन पर महिलाओं की आवाज में बात करने में माहिर है इसलिए महिला आईपीएस अधिकारियों की फोटो लगाकर ठगी करता था। कॉल पर उसकी आवाज सुनकर यह अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है कि फोन किसी युवक ने किया है। इसी बात का शातिर फायदा उठाता था और लोगों को ठगी का शिकार बनाता था।