Meerut News: देहरादून में बादल फटने से आई बाढ़ में कैफ अपने कमरे समेत बह गया और 60 फीट गहरे गड्ढे में दब गया। जब मलबा हटाया जाने लगा, तो उसके बिस्तर से पता चला कि कैफ यहीं दबा है। उसे मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। उत्तराखंड के देहरादून में सहस्त्रधारा की पहाड़ियों पर बादल फटने से अचानक आई तेज बाढ़ में जान गंवाने वाले मोहम्मद कैफ के चचेरे बड़े भाई गुड्डू ने बुधवार को आपबीती सुनाई। गुड्डू ने बताया कि मोहम्मद कैफ बिस्तर समेत बहकर करीब 60 फीट गहरे गड्ढे में दब गया था। साथियों ने मलबे के ऊपर कैफ के बिस्तर और कमरे का फर्नीचर देखकर उसके दबने का अंदाजा लगाया और तलाशना शुरू किया। पांच घंटे बाद कैफ का शव मिला। उसे रस्सी की मदद से बाहर निकाला गया। इसके बाद उत्तराखंड प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर मदद में जुटी।
बुधवार को किठौर के मोहल्ला मौसमखानी में मृतक कैफ के घर परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। वहीं पर हादसे में घायल गुड्डू भी था। इस दौरान मृतक कैफ के पिता अफजाल, मां, भाई खालिद से तथा घायल गुड्डू से बातचीत की गई। गुड्डू ने बताया कि बादल फटने की घटना मंगलवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे की है। वह और मोहम्मद कैफ देहरादून में मसूरी रोड स्थित ग्रीन वैली रिसोर्ट में टाइल्स पत्थर लगाने का काम करते थे। रिसोर्ट में करीब 30 लोग मौजूद थे। काम करके कैफ और वह सबसे नीचे वाली बिल्डिग में सो रहे थे।
अचानक बाढ़ आई, जिसमें मोहम्मद कैफ बिस्तर समेत बहकर मलबे में दब गया। गुड्डू ने बताया कि उसने फोन कर आसपास काम कर रहे अपने परिचितों को बुलाया, जिनकी मदद से मोहम्मद कैफ को बाहर निकाला गया। बिल्डिंग गिरने से वह भी घायल हो गया। उसे अंदरूनी चोटें भी आई हैं।
मोहम्मद कैफ के पिता अफजाल ने बताया कि तीन दिन पहले बेटे कैफ का फोन आया था। कह रहा था कि जल्द काम निपटाकर आ जाएगा। परिवार में सात बहन भाइयों में कैफ सबसे छोटा था। उसे सभी प्यार करते थे। देहरादून के रहने वाले कैफ के साथी मोहम्मद हामिद ने बताया कि जिस नदी में हादसा हुआ है, वहां पानी नहीं रहता है। उस दिन तीन जगह बादल फटने से उस नदी में बाढ़ आ गई। ग्रामीणों ने बताया कि कैफ का परिवार अपने नाना अली मुमताज के यहां रहता है। परिजनों ने बताया कि अभी तक उत्तराखंड सरकार और ठेकेदार ने हमारी कोई सुध नहीं ली है।
मोबाइल देखकर नहीं लगा था कि कैफ मलबे में दब गया
साथी हामिद ने बताया कि कैफ के न मिलने पर जब घायल गुड्डू ने फोन कर उनको बुलाया तो कैफ का फोन उसके बिस्तर से कुछ दूरी पर मेज पर रखा था। फोन सुरक्षित था। इसलिए ऐसा नहीं लगा कि कैफ मलबे में दब गया।

