रायबरेली। उप्र की रायबरेली लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के लिए चुनौतियां कम नहीं हो रही है। एक तरफ कांग्रेस राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतार चुकी है। उनके पक्ष में प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार माहौल बनाने का प्रयास करती दिख रही हैं।
वहीं, भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह राहुल गांधी को कड़ी चुनौती देने की बात कर रहे हैं। उन्हें पार्टी के भीतर ही अंतर्विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला अदिति सिंह के एक पोस्ट के बाद गहराया है।
यूपी चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आने वाली अदिति सिंह ने सोशल मीडिया एक पर एक पोस्ट किया। इसमें वह अपने पिता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ दिख रही हैं। फोटो के साथ उन्होंने पोस्ट में लिखा है, ‘उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं’। अभी इस पर रायबरेली के चुनावी मैदान में राजनीतिक विवाद गहरा गया है।
उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं pic.twitter.com/EZRAw5lQIi
— Aditi Singh (मोदी का परिवार) (@AditiSinghRBL) May 11, 2024
नाराज बताई जा रही हैं अदिति
दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से अदिति नाराज बताई जा रही हैं। रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह अब तक लोकसभा चुनाव के मैदान में दिनेश सिंह के मंच पर नहीं दिखी हैं। इसको लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं।
अब अदिति सिंह के ट्वीट ने दोनों परिवारों के बीच की पुरानी अदावत को एक बार फिर जमीन पर ला दिया है। हालांकि, अदिति सिंह भाजपा का समर्थन करती और पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों और भाषणों को रीपोस्ट करती दिख रही हैं।
दिनेश सिंह के बेटे ने किया पलटवार
अदिति सिंह के पोस्ट पर अब दिनेश सिंह के बेटे पीयूष प्रताप सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि रामकाज में उसूलों को न्योता नहीं. इज्जत भी मिलेगी तरीफे भी मिलेंगी. मेहनत करके तो देखो आपको कामयाबी भी मिलेगी. सीता राम! अब इस पोस्ट पर विवाद शुरू हो गया।
रायबरेली में भाजपा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को जिम्मेदारी दी गई। वे लगातार रायबरेली का दौरा कर रहे हैं। लेकिन, पार्टी का अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
अमित शाह की रैली से बदल रही स्थिति
रायबरेली में अमित शाह की रैली के बाद बदलाव होता दिख रहा है। अब तक समाजवादी पार्टी से ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय ने अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह को समर्थन का ऐलान कर दिया। इसने राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ाई हैं। हालांकि, अदिति सिंह के रुख ने पार्टी के सीनियर नेताओं को हैरान कर दिया है।
दरअसल, पिछले चुनाव के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने फिर उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में भी वे सोनिया गांधी खिलाफ चुनाव हार गए थे। हालांकि, अब सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। अब राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं।
अदिति का आया जवाब
अदिति सिंह का पोस्ट आने के बाद राजनीतिक विवाद गरमाया तो उन्होंने इस पर अपनी सफाई भी दे दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि मैं भाजपा के साथ हूं। भाजपा का जो प्रत्याशी है, वह हमारा भी प्रत्याशी है।
पिता को मिस करने की बात करते हुए अदिति ने कहा कि हमने इसी कारण पिता के साथ वाली तस्वीर पोस्ट की। दरअसल, अदिति सिंह और दिनेश प्रताप सिंह के बीच की अदावत करीब 15 साल पुरानी है।
2009 में हुआ था हमला
रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह और दिनेश सिंह के परिवार के बीच राजनीतिक तकरार का दौर लंबे समय से चलता आ रहा है। 14 मई 2019 को अदिति सिंह पर रायबरेली में हमला हुआ था। अदिति सिंह ने तब आरोप लगाया था कि दिनेश सिंह के भाई अवधेश सिंह ने यह हमला कराया था।
दरअसल, तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसकी वोटिंग हो रही थी। इसमें अदिति सिंह अपने समर्थकों के साथ पहुंची थीं। उस दौरान अदिति के काफिले पर हरचंदपुर थाना क्षेत्र के मोदी स्कूल के पास पथराव और फायरिंग हुई थी।
हालांकि, यूपी चुनाव 2022 के दौरान अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। वह राजनीति में अपना वजूद बनाए रखने की बात करती हैं। राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए कदम उठाने की बात करती दिख रही हैं।
कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाने वाली अदिति की नाराजगी को अहम माना जा रहा है। 20 मई को इस सीट पर वोटिंग है। इससे पहले क्या अदिति का रुख रहता है, इस पर हर किसी की नजर होगी।