नई दिल्ली। नेहरू-गांधी परिवार से कोई ना कोई अमेठी और रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव लड़े, ऐसा सोनिया गांधी की इच्छा है। एक समाचार चैनल ने दावा किया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी को अमेठी और बेटी प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव ना लड़ने के फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए फोन किया है।
3 मई को उप्र की इन दो हाई-प्रोफाइल सीटों पर नामांकन का आखिरी दिन है। अमेठी में भाजपा की तरफ से 2019 में राहुल गांधी को हराकर गांधी परिवार का किला तोड़ने वाली स्मृति ईरानी लड़ रही हैं जबकि रायबरेली में कांग्रेस कैंडिडेट के ऐलान का इंतजार भाजपा भी कर रही है। रायबरेली की सांसद रहीं सोनिया गांधी अब राज्यसभा में पहुंच गई हैं।
एक समाचार चैनल ने दावा किया है कि सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के सिलसिले में दिल्ली से बाहर चल रहे अपने दोनों बच्चों प्रियंका और राहुल गांधी से फोन पर बात की है। सूत्रों ने समाचार चैनल को बताया है कि सोनिया ने दोनों से कहा है कि अगर वो दोनों अमेठी और रायबरेली से नहीं लड़ते हैं तो यह दोनों सीट भाजपा को थाली में सजाकर देने जैसा होगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कहा था कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इन दोनों सीट पर उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए अधिकृत कर दिया है और उन्हें लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष अगले 24 से 30 घंटे में उम्मीदवार का नाम तय कर देंगे।
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने शुरुआती तौर पर खरगे को मना कर दिया था। राहुल ने कहा कि अगर वो अमेठी लड़ते हैं तो जीतने के बाद वो वायनाड से सांसद बने रहेंगे। प्रियंका गांधी ने साफ तौर पर लड़ने से मना कर दिया है।
ऐसे में संभावना ये है कि राहुल गांधी लड़ें लेकिन वो सीट अमेठी के बदले रायबरेली भी हो सकती है जो उनकी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने से खाली हुई है। अमेठी में कांग्रेस कोई नया कैंडिडेट दे सकती है। लेकिन राहुल अगर अमेठी छोड़कर रायबरेली भी लड़ते हैं तो भाजपा को यह कहने का मौका मिल ही जाएगा कि वो हार के डर से भाग गए।
अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी समेत भाजपा के कई नेता कह रहे हैं कि हार के डर से गांधी परिवार अमेठी और रायबरेली छोड़कर भाग रहा है। अमेठी में अपना नाम चलाने की कोशिश प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने खूब की है लेकिन लगता है कि पार्टी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया है।
अमेठी या रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी से पारिवारिक संबंध रखने वाले कुछ और नाम भी चर्चा में हैं लेकिन जब तक कैंडिडेट का ऐलान ना हो जाए, कहना मुश्किल है कि राहुल और प्रियंका ने खुद के लिए क्या तय किया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे तो नाम पर मुहर भर लगाएंगे।
अमेठी में संजय गांधी तो रायबरेली में फिरोज गांधी ने जमाई थी नेहरू-गांधी परिवार की जड़ें
अमेठी सीट से 1980 में पहली बार संजय गांधी जीते थे। उनके बाद राजीव गांधी, फिर सोनिया गांधी और तीन बार राहुल गांधी यहां से जीते हैं। 15 साल अमेठी का सांसद रहने के बाद 2019 में राहुल भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे।
रायबरेली सीट से सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी पहला चुनाव 1952 में जीते थे। उनके बाद इंदिरा गांधी, अरुण नेहरू, शीला कौल और सोनिया गांधी इस सीट से जीते हैं।
सोनिया गांधी 2004 से रायबरेली की सांसद रहीं जहां वो 1999 में जीती हुई अमेठी सीट राहुल गांधी के लिए छोड़ने के बाद आई थीं। अमेठी और रायबरेली में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 25 मई को वोटिंग है।