नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर 3,44,48,850 रुपये की पेनाल्टी लगाई है। इसके साथ ही उस समय कंपनी के आपरेशंस को देख रहे तीनों निदेशकों पर अलग-अलग 1,14,82,950 रुपये की पेनाल्टी लगाई है।
विदेशी निवेश नियमों का किया उल्लंघन
BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत विदेशी निवेश की सीमा का नियम लगाने के बाद भी सौ प्रतिशत विदेशी निवेश जारी रखने का आरोप है।
ED की ओर से 21 फरवरी को जारी आदेश के अनुसार, BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर पेनाल्टी नहीं जमा करने की स्थिति में प्रतिदिन पांच हजार रुपये के जुर्माने का प्रविधान है। यह जुर्माने की राशि 15 अक्टूबर, 2021 से ली जाएगी।
जानबूझकर 100 प्रतिशत विदेशी निवेश जारी रखा
दरअसल, डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने 18 सितंबर, 2019 को प्रेस नोट जारी कर डिजिटल मीडिया में विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत निर्धारित किए जाने की जानकारी दी थी।
इसी प्रेस नोट में कंपनियों को नए नियम के मुताबिक विदेशी निवेश को 26 प्रतिशत तक लाने के लिए 15 अक्टूबर, 2021 तक का समय दिया गया था, लेकिन BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया के निदेशकों ने जानबूझकर इस समयसीमा का उल्लंघन किया और 100 प्रतिशत विदेशी निवेश जारी रखा।
चुकानी होगा पूरा जुर्माना, निदेशक भी फंसे
ED के आदेश के अनुसार, अब BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया को 15 अक्टूबर, 2021 के बाद पेनाल्टी की पूरी रकम 3.44 करोड़ रुपये जमा करने के दिन तक प्रतिदिन पांच हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा।
BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया के तत्कालीन तीनों निदेशकों गिल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पाल मिशेल गिबन्स को विदेशी निवेश के नए नियम का जानबूझकर पालन नहीं करने का दोषी पाया गया है।
इसे देखते हुए ED ने इन तीनों पर अलग-अलग पेनाल्टी लगाने का फैसला किया। दरअसल, ED ने चार अक्टूबर, 2023 को BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया और उसके तीनों निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन वे 26 प्रतिशत विदेशी निवेश की सीमा का पालन नहीं करने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
BBC ने कहा- आदेश मिलते ही उचित कदम उठाएंगे
BBC के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ”इस समय न तो BBC वर्ल्ड सर्विस इंडिया और न ही इसके निदेशकों को ED से कोई न्यायिक आदेश प्राप्त हुआ है।
BBC भारत सहित उन सभी देशों के नियमों के तहत काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हम कार्यरत हैं। जब भी कोई आदेश प्राप्त होगा, हम उसकी सावधानीपूर्वक समीक्षा करेंगे और अगले उचित कदमों पर विचार करेंगे।”