खतौली/मुजफ्फरनगर। प्रयागराज महाकुंभ का दिव्य, भव्य और अलौकिक दृश्य देखने और पुण्य की एक डुबकी लगाने की हर किसी की इच्छा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने पहुंच रहे हैं।
इसी क्रम में क्षेत्र का एक व्यक्ति बुजुर्ग मां को महाकुंभ में अमृत स्नान कराने के लिए ‘नंदी’ बनकर यात्रा पर निकला है। बूढ़ी मां को बुग्गी में बैठाकर उसे कंधे से खींचकर ले जा रहा है।
व्यस्तता के कारण लोग रिश्ते नातों से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में बुजुर्ग-कमजोर माता-पिता को भी दरकिनार कर दिया जाता है, लेकिन मंसूरपुर क्षेत्र के गांव मोघपुरा का 65 वर्षीय सुदेशपाल मलिक बुजुर्ग स्वजन की सेवा करने को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बना है।
सुदेशपाल अपनी 92 वर्षीय मां जगवीरी देवी को प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करवाने के लिए निकला है। उसने मां को प्रयागराज ले जाने को विशेष छोटी बुग्गी तैयार करवाई है। 26 जनवरी को गांव से बुजुर्ग मां को बुग्गी में बैठाकर यात्रा आरंभ की। वह बुग्गी को कंधे से खींचकर चल रहा है।
फूल माला पहनाकर लोगों ने किया स्वागत
जानसठ तिराहा के निकट पहुंचने पर सुदेशपाल का भाजपा नगराध्यक्ष प्रवीण ठकराल, मदन लाल रहेजा, प्रदीप शर्मा, विवेक रहेजा, गौरी शंकर, राजू उपाध्याय, नीरज गोयल, राजेंद्र सैनी, अनुप, चीनू ने फूल-माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया।
पहले शुकतीर्थ लेकर गए थे सुदेशपाल
सुदेशपाल ने बताया कि इससे पहले उसने बुजुर्ग मां को इसी प्रकार से पैदल 35 किमी की यात्रा कर शुकतीर्थ ले गया था। यहां उसने मां को अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करवाया था। बताया कि उसके दोनों पैर खराब हो गए थे। चिकित्सकों ने पैरों का इलाज करने से मना कर दिया था।
उसकी मां के आशीर्वाद के कारण पैर ठीक हो गए। इस पर उसने मां को प्रयागराज महाकुंभ स्नान कराने की सोची। उसने मां को बैठाया और बुग्गी को कंधे से खींचकर प्रयागराज तक ले जाएगा। वहां पहुंचने पर मां को संगम तट पर पुण्य की डुबकी लगवाएगा। बड़ी बहन अमरेश और भांजा रोबिन भी उसके साथ जा रहे हैं।
खेती करता है सुदेशपाल, इकलौता है पुत्र
मां को प्रयागराज लेकर जा रहा सुदेशपाल खेती करता है। वह अपनी मां का इकलौता पुत्र है। जिस आस्था के साथ वह मां को महाकुंभ में अमृत स्नान कराने ले जा रहा है, उसे देख लोग कहने लगे कि बेटा हो तो ऐसा। मुजफ्फरनगर से प्रयागराज की दूरी ही लगभग 780 किलोमीटर है, बुग्गी को खींचकर ले जाने की यह यात्रा बहुत आसान नहीं है।