गंगा नदी में बाढ़ के कारण लगातार चौथे दिन जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। नदी का जलस्तर प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। चक्की नौरंगा में चौबीस घंटे में 10 पक्के मकान गंगा में डूब गए। बाढ़ का पानी लगभग 71 गांवों में प्रवेश कर गया है, जिससे 60 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। 10 गांवों की बिजली काट दी गई है।
केंद्रीय जल आयोग गायघाट गेज के अनुसार बृहस्पतिवार की शाम 4 बजे गंगा नदी का जलस्तर 59.460 मीटर रिकॉर्ड किया गया। एक सेमी प्रति घंटे की दर से जलस्तर बढ़ रहा है। नदी का चेतावनी बिंदु 56.615 मीटर है। खतरा बिंदु 57.615 मीटर व मीडियम फ्लड 58.615 मीटर है। गंगा नदी इस समय खतरे के निशान 1.845 मीटर से ऊपर बह रही है। यहां 2016 में सर्वाधिक जलस्तर 60.390 मीटर रिकॉर्ड किया गया था। 2021 में नदी 60.250 मीटर तक जलस्तर पहुंचा था।
नदी के बढ़ाव से नरहीं से लेकर बैरिया तक तटवर्ती लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। सुघर छपरा, दूबे छपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, नौरंगा, भुआल छपरा, चक्की नौरंगा, उपाध्याय टोला, नौरंगा, के लोगों में अपना आशियाना खोने का भय सताने लगा है। दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में 22 हजार पशुओं को हरे चारे का संकट गहरा गया है। प्रशासन की तरफ से अब तक नाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि चौक्की नौरंगा कटान क्षेत्र के भवनों को पहले ही खाली करा दिया गया था। कटान पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ का पानी कम होने के बाद परियोजना बनाकर सुरक्षित किया जाएगा।