मुंबई। बाबा सिद्दीकी की हत्या के मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने UPSTF और मुंबई क्राइम ब्रांच को कई सनसनीखेज जानकारी दी है। उसने STF को बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर तीन दिनों तक बाबा सिद्दीकी की रेकी की और दशहरा वाले दिन मौका मिलते ही उनकी हत्या कर दी।
स्नैप चैट के जरिये अनमोल बिश्नोई ने की थी शिवा से बात
शिवा ने बताया कि वह और दूसरा शूटर धर्मराज एक ही गांव के रहने वाले हैं। वह मुंबई में कबाड़ का कारोबार करता था। उसकी व शुभम लोनकर की दुकानें अगल-बगल थीं।
शुभम ने उसकी बात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्नैप चैट के जरिये लारेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से कराई थी। हत्या के लिए दस लाख रुपये देने का वादा किया था। साथ ही कहा था कि हत्या के बाद भी हर महीने कुछ न कुछ राशि मिलती रहेगी।
यासीन ने शिवा को दिलाया था फोन
पुलिस अपराध शाखा के सूत्रों ने बताया कि अनमोल ने उससे कहा कि वह जो करने जा रहा है, वह “भगवान और समाज” के लिए है।। उसने बताया कि हत्या के लिए शुभम व यासीन ने उसे हथियार, मोबाइल फोन व सिम उपलब्ध करवाए थे। हत्या के बाद बात करने के लिए अलग मोबाइल फोन व सिम भी दिए गए थे।
हत्या करने के बाद कहां-कहां गया शिवा?
बाबा सिद्दीकी की हत्या करने के बाद शिव कुमार गौतम ने तुरंत अपनी शर्ट बदल ली और भीड़ में गायब हो गया, ताकि कोई उसे पहचान न सके। इसके बाद वो घटनास्थल से कुर्ला तक ऑटो से गया और फिर वहां से लोकल ट्रेन से ठाणे चला गया।
ठाणे से वह पुणे के लिए ट्रेन में सवार हुआ और यात्रा के दौरान अपना मोबाइल फोन वहीं फेंक दिया। फिर वो करीब सात दिन तक पुणे में रहा।
इसके बाद ट्रेन से उप्र के झांसी चला गया। झांसी के बाद वो लखनऊ रवाना हो गया। इसके बाद लखनऊ में उसने नया फोन खरीदा फिर दूसरे साथियों से उसने संपर्क करने की कोशिश की।
वैष्णो देवी भी जाने वाला था शिवा
शिवा ने यह भी बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या करने के बाद उसकी योजना पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन और फिर देश से भागने से पहले जम्मू में वैष्णो देवी जाने की थी। नेपाल भेजने में कुछ लोग उसकी मदद करने वाले थे।
शिवा को नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।