बर्लिन। जर्मनी में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में कंजरवेटिव गठबंधन को सर्वाधिक वोट मिले हैं। फ्रेडरिक मेर्ज अब जर्मनी के चांसलर बनेंगे। हालांकि उनके गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। सरकार बनाने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतना जरूरी है।
जश्न मनाने के बाद काम करेंगे शुरू
चुनाव में जीत के बाद मेर्ज ने कहा, आज रात हम जश्न मनाएंगे और कल से हम काम शुरू करेंगे। मैं एक ऐसी सरकार बनाने की कोशिश करूंगा जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेगी। AFD के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है। 69 वर्षीय मेर्ज के पास सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन उन्होंने देश का बेहतर नेतृत्व करने का लोगों से वादा किया है।
ओलफ शुल्ज ने हार स्वीकार कर ली
चांसलर ओलफ शुल्ज ने हार स्वीकार कर ली है और फ्रेडरिक मेर्ज को जीत की बधाई दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया, यह जर्मनी के लिए ऐतिहासिक दिन है।
एक्जिट पोल के अनुसार मेर्ज के नेतृत्व वाले गठबंधन को 28.5 से 29 प्रतिशत वोट मिले हैं। धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी 20 प्रतिशत मत पाकर दूसरे स्थान पर रही।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी धुर-दक्षिणपंथी पार्टी को इतना अधिक समर्थन मिला है। चांसलर शुल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SDP) ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है। SDP को 16.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। ग्रीन्स पार्टी को 12 प्रतिशत मत मिले हैं।
पिछले नवंबर में टूट गया था गठबंधन
शुल्ज के नेतृत्व वाला गठबंधन पिछले नवंबर में टूट गया था। इसलिए चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले कराना पड़ रहा है। चुनाव परिणाम के बाद मेर्ज को बहुमत जुटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि सबसे अधिक सीटें जीतने के बावजूद उनके गठबंधन को बहुमत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिले हैं।
इससे पहले पांच करोड़ 90 लाख से अधिक मतदाताओं ने जर्मनी की संसद के निचले सदन, बुंडेश्टाग के 630 सदस्यों को चुनने के लिए मतदान किया।
मतदान स्थानीय समय अनुसार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक मतदान चला। मेर्ज ने रविवार सुबह अर्न्सबर्ग में वोट डाला, वहीं शुल्ज ने पाट्सडैम में मतदान किया।
यह चुनाव ऐसे समय में हुए हैं जब यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में वर्षों से चले आ रहे ठहराव, अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने का दबाव तथा यूक्रेन के भविष्य, यूरोप के अमेरिका के साथ गठबंधन को लेकर बढ़ती अनिश्चितता जैसी चिंताएं सामने आ रही हैं।
जर्मनी की संसद में हैं 630 सीटें
जर्मनी की संसद बुंडेश्टाग में 630 सीटें हैं, जिनमें 299 पर मतदाता सीधे प्रतिनिधि चुनते हैं। 331 सीटें पार्टी वोटों के आधार पर आनुपातिक रूप से आवंटित की जाती हैं। मतदाता दो मत देते हैं।
पहला वोट स्थानीय उम्मीदवार को देते हैं, जबकि दूसरा वोट राजनीतिक दल को दिया जाता है। दूसरे वोट के आधार पर आनुपातिक रूप से निचले सदन में सीटें आवंटित की जाती हैं।
अवैध प्रवासी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुद्दा रहा हावी
इस बार चुनाव अभियान में अवैध प्रवासियों का मुद्दा हावी रहा। देश के कई हमले हुए है जिसे अवैध प्रवासियों ने अंजाम दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा।
यूक्रेन का भविष्य, अमेरिका के साथ
यूरोप के गठबंधन पर बढ़ती अनिश्चितता की चिंताएं भी लोगों को सता रही है। जर्मनी 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में सबसे अधिक आबादी वाला देश और नाटो का प्रमुख सदस्य है। अमेरिका के बाद यह यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।
सत्ता से बाहर हुआ ट्रैफिक लाइट गठबंधन
संसदीय चुनाव में सीडीयू/सीएसयू गठबंधन की जीत के बाद सीडीयू के महासचिव कार्स्टन लिनमैन ने कहा, ट्रैफिक लाइट गठबंधन आखिरकार हार गया। फ्रेडरिक मेर्ज नए चांसलर होंगे।
जर्मन राजनीति में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SDP), फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) और ग्रीन्स पार्टी के गठबंधन को ट्रैफिक लाइट गठबंधन कहते हैं। इन पाटिर्यों के प्रतीक रंगों क्रमश: लाल, पीले और हरे रंग के नाम पर रखा गया है।