नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई को राहत मिली है। अदालत ने हेट स्पीच मामले में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक जारी रहने का आदेश दिया है। दरअसल, अन्नामलाई पर आरोप है कि अक्तूबर 2022 में उन्होंने एक यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में ईसाइयों के खिलाफ कथित रूप से घृणास्पद भाषण दिया था।
छह सप्ताह के अंदर जवाब दें
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रतिवादी के जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के अनुरोध पर मामले को सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। हेट स्पीच मामले को रद्द करने की याचिका के अन्नामलाई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। पीठ ने शिकायतकर्ता से छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश जारी रहेगा। साथ ही नौ सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में मामले को फिर से सूचीबद्ध करने की बात कही। इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा कि यह निजी शिकायत है और राज्य सरकार को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है। शिकायतकर्ता वी पीयूष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए कुछ समय मांगा।
बता दें, शीर्ष अदालत ने 26 फरवरी को अन्नामलाई के खिलाफ आपराधिक मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। साक्षात्कार में दिए गए बयानों को सुनने के बाद पीठ ने कहा था, ‘प्रथम दृष्टया, कोई घृणास्पद भाषण नहीं है। कोई मामला नहीं बनता है।’
क्या मामला है?
अन्नामलाई ने दिवाली से ठीक दो दिन पहले 22 अक्तूबर 2022 को एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एक ईसाई एनजीओ ने सबसे पहले त्योहार के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस दायर किया था। शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने जानबूझकर झूठ बोलकर सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दिया था।