बेरूत। इजरायल ने बुधवार को लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला करके वरिष्ठ कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया। इसके साथ ही इजरायल ने पिछले सप्ताह हमले में मारे गए बच्चों सहित 12 लोगों की मौत का भी बदला ले लिया।
शुकर हिजबुल्लाह के कमांडर का करीबी सलाहकार था, लेकिन वह सिर्फ इजरायल के निशाने पर नहीं था। 1983 में बेरूत में हुए बम विस्फोट के लिए वह अमेरिका में वांटेड था। इस हमले में लगभग 300 अमेरिकी और फ्रांसीसी सैनिक मारे गए थे।
हिजबुल्लाह ने पुष्टि है की कि इजरायल के हमले में शुकर की मौत हो गई है। उसे अल-हज्ज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता है। इजरायली सेना ने शुकर को गोलान हाइट्स में हमले और कई इजरायली नागरिकों की हत्या के लिए दोषी ठहराया था।
एक वरिष्ठ इजरायली सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि शुकर हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का करीबी और भरोसेमंद था। 2016 में सीरिया में हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ कमांडर मुस्तफा बदरेद्दीन की हत्या के बाद शुकर ने उनकी जिम्मेदारी भी संभाली थीं।
इजराइल का आरोप है कि हिजबुल्लाह ने मजदल शम्स के ड्रूस गांव में फुटबॉल खेल रहे 12 बच्चों और किशोरों को निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया, हालांकि हिजबुल्लाह ने इस बात से इनकार किया है कि वह उस हमले के पीछे था। इजराइली रक्षा अधिकारियों ने कहा कि बेरूत में इजराइली हमले का निशाना हिजबुल्लाह का वरिष्ठ अधिकारी फुआद शुकर था।
रिटायर्ड इजरायली ब्रिगेडियर जनरल असफ ओरियन ने शुकर को एक अनुभवी इंसान बताया। शुकर का हिजबुल्लाह के साथ इतिहास दशकों पुराना था।
उसने हिजबुल्लाह के सटीक निर्देशित मिसाइल तंत्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विश्लेषकों का कहना है कि ये हथियार इजरायली सेना के लिए विशेष चिंता का विषय है।