लोग अपने मौजूदा परिसर में ही बड़ा और बेहतर आवास चाहते हैं। मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड यानी MPHIDB ने री-डेवलपमेंट पॉलिसी में अहम बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत अब निवासी अपनी पुरानी बिल्डिंग या परिसर में ही एलआईजी (लो इनकम ग्रुप) और एमआईजी (मिडल इनकम ग्रुप) आकार के फ्लैट या मकान चुन सकेंगे। खबर के मुताबिक, यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और मंजूरी के बाद इसे आने वाले प्रोजेक्ट्स में लागू किया जाएगा। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिकली वीकर सेक्श) वर्ग के निवासियों को होगा। जो लोग पिछले 25 से 30 वर्षों से 350–400 वर्गफीट के छोटे घरों में रह रहे हैं, वे अब री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के तहत 550–600 वर्गफीट तक के फ्लैट की मांग कर सकेंगे। हालांकि, अतिरिक्त जगह के लिए उन्हें मौजूदा गाइडलाइन के अनुसार भुगतान करना होगा।
20% तक बड़ा मकान देने का प्रस्ताव
खबर के मुताबिक, नई पॉलिसी के तहत 20% तक बड़ा मकान देने का प्रस्ताव है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी का वर्तमान मकान 350 वर्गफीट का है, तो उसे नया आवास 420 वर्गफीट तक मिल सकता है। हाउसिंग बोर्ड को जनसुनवाई और फीडबैक में यह जानकारी मिली है कि बढ़ते परिवारों की जरूरतें अब पहले से ज्यादा हैं, इसलिए आवास का आकार बढ़ाना जरूरी हो गया है। प्रोजेक्ट इंचार्ज जितेंद्र गौतम ने बताया कि लोग अपने मौजूदा परिसर में ही बड़ा और बेहतर आवास चाहते हैं।
इसी मांग को ध्यान में रखते हुए आवास श्रेणी बदलने और LIG-MIG विकल्प देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पॉलिसी न सिर्फ लोगों को उनकी बदलती जरूरतों के मुताबिक विकल्प देगी, बल्कि पुरानी कॉलोनियों और कॉम्प्लेक्स का बेहतर पुनर्विकास (री-डेवलपमेंट) भी सुनिश्चित करेगी। एमपी हाउसिंग बोर्ड मध्य प्रदेश की ऑफिशियल आवास विकास एजेंसी है। यह पूरे राज्य में आवासीय कॉलोनियों और किफायती घरों का निर्माण करती है। बोर्ड निजी डेवलपर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।