कानपुर के हेयर ट्रांसप्लांट मामले में दोनों इंजीनियरों और डॉक्टर की कॉल डिटेल से बड़ा सच सामने आया है। दोनों इंजीनियरों से डॉ. अनुष्का की बात होती थी। डॉक्टर की लोकेशन भी क्लीनिक में मिली है। अनुष्का ने पुलिस को भेजे पत्र में कहा था कि दोनों का हेयर ट्रांसप्लांट नहीं किया है।
कानपुर के हेयर ट्रांसप्लांट मामले की जांच में पुलिस को अहम सबूत मिले हैं। पुलिस ने डॉक्टर और दोनों मृतक इंजीनियरों की कॉल डिटेल निकलवाई तो दोनों से डॉक्टर अनुष्का की बातचीत होने की बात पुष्ट हो गई है। साथ ही दोनों इंजीनियरों की लोकेशन भी क्लीनिक में मिली है। इससे अंदेशा है कि दोनों ने डॉ. अनुष्का के क्लीनिक में ही हेयर ट्रांसप्लांट कराया। वहीं, अनुष्का ने मई के पहले सप्ताह में पुलिस को डाक से पत्र भेजकर बताया था कि उसने दोनों का हेयर ट्रांसप्लांट नहीं किया है।
मामले में डॉ. अनुष्का की गिरफ्तारी की तैयारी में जुटी पुलिस साक्ष्य एकत्र करने में तेजी बरत रही है। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायतों की जांच के लिए दोनों इंजीनियरों की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि दोनों ने डॉक्टर से कई बार संपर्क किया।
दो से पांच मिनट तक डॉक्टर से बात करने की बात सामने आई है। डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान गंवाने वाले दोनों इंजीनियरों विनीत दुबे, मयंक कटियार और डॉ. अनुष्का की कॉल डिटेल निकाली गई है। इससे पता चला कि दोनों ने डॉ. अनुष्का के क्लीनिक में ही हेयर ट्रांसप्लांट कराया। साथ ही दोनों उनसे लगातार संपर्क में थे। क्लीनिक में दोनों की लोकेशन मिलने पर विवेचक ने इसे महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए विवेचना में शामिल किया है।
कर्मचारियों और ट्रांसप्लांट करा चुके लोगों ने दर्ज कराए बयान
डीसीपी ने बताया कि विवेचक ने अब तक क्लीनिक में काम करने वाले तीन कर्मचारियों और पूर्व में हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले तीन अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए हैं। हालांकि तीनों मरीजों ने केस से दूर रखने की बात कही है।
वाराणसी में मिल रही डॉक्टर की लोकेशन
डॉ. अनुष्का का मायका हरियाणा के रोहतक में है। पहले उसके रोहतक में होने का अनुमान लगाया जा रहा था। अब पुलिस को मिली नई जानकारी के मुताबिक अनुष्का की वाराणसी और प्रयागराज में मददगारों से लगातार बात हो रही है। इन दोनों जगहों पर टीमें भेजी गई हैं। डॉक्टर और उसके पति ने जिन लोगों से बातचीत की है, उनमें से कुछ के नंबर सर्विलांस पर लगे हैं।
समझौते का दबाव बना रहे डॉक्टर के अधिवक्ता : जया
पुलिस चाहे तो 24 घंटे में डॉक्टर अनुष्का तिवारी की गिरफ्तारी हो सकती है। अनुष्का एक अधिवक्ता के जरिये अपना पक्ष दे रही हैं। डिग्री भेज रही हैं। डॉक्टर के अधिवक्ता समझौते का दबाव बना रहे हैं। यही नहीं पुलिस को समझौता कराने के लिए बोल रही हैं, लेकिन पुलिस उनकी गिरफ्तारी करने के बजाय पूछताछ में लगी है। यह आरोप पनकी पावर हाउस निवासी मृतक इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया ने लगाए।
जया ने कहा कि मेरे पास भी समझौते के लिए अनजान नंबर से कॉल आ रही है, लेकिन मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। डॉक्टर को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कहा कि पति की मौत के बाद कई बार थाने-चौकी के चक्कर लगाए। तब जाकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। उस दौरान भी अनुष्का अपने क्लीनिक पर बैठ रही थीं।
पुलिस अगर उसी वक्त डॉक्टर को पकड़ लेती, तो रोहतक समेत अन्य स्थानों पर दबिश न डालनी पड़ती। उनका दावा है कि अनुष्का के खिलाफ उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। उसने बिना डिग्री के पति का ऑपरेशन किया है। डॉक्टर के झांसे में आने वाले कई लोग मोटी रकम गवां चुके हैं। कुछ लोग तो सामने भी नहीं आ रहे हैं। वह अपने पति को इंसाफ दिलाने के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगी।
इंपायर क्लीनिक बीडीएस की डिग्री से पंजीकृत, वराही का अता-पता नहीं
हेयर ट्रांसप्लांट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, मामला उलझता जा रहा है। मृतक इंजीनियर विनीत दुबे का हेयर ट्रांसप्लांट इंपायर क्लीनिक में हुआ। उन्हें जो रोगी पर्चा दिया गया, वह वराही क्लीनिक के लेटरपैड पर था। यह वराही क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत नहीं है।
इंपायर क्लीनिक बीडीएस की डिग्री से पंजीकृत है। जांच कमेटी के सामने सवाल यह उठ रहा है कि हेयर ट्रांसप्लांट इंपायर में हुआ तो पर्चा दूसरे क्लीनिक का क्यों दिया गया? यह पर्चा किसी झोलाछाप का लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी को जो ब्योरा दिया है, उसमें वराही क्लीनिक के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अब पुलिस से कहा गया है कि इस क्लीनिक की जांच करे।
सीएमओ कार्यालय की ओर से जांच कमेटी को जो अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं, इसमें शिकायती पत्र भी शामिल है। यह शिकायती पत्र विनीत दुबे की मां सदाकांती दुबे की ओर से दिया गया है। इसमें पता गोरखपुर का लिखा हुआ है। कमेटी की ओर से शिकायतकर्ता को पत्र भेजा जा रहा है कि घटना के संबंध में आकर बयान दर्ज कराएं। इसके साथ ही व्हॉट्सअप चैट भी उपलब्ध कराई गई। इसमें हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए पैसे के लेनदेन संबंधी बातचीत है।
डॉ. अनुष्का के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध न होने के कारण कमेटी रावतपुर थाना पुलिस को पत्र भेज रही है। इस मामले में उसके भी बयान लिए जाने हैं। इसके अलावा जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट कमेटी को उपलब्ध कराई गई है, उसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं बताया गया। हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट के बाद चेहरे और आंखों में सूजन बताई गई। कमेटी को अब विसरा की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
इंपायर क्लीनिक डॉ. सौरभ त्रिपाठी की बीडीएस डिग्री के आधार पर पंजीकृत है। बीडीएस डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कर सकता। इससे कागजी पेशबंदी की जाती रही। एसीएमओ (नर्सिंग होम) डॉ. रमित रस्तोगी ने बताया कि वराही क्लीनिक पंजीकृत नहीं है, लेकिन पता करके इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।
फंसने से बचने के लिए पहले से बनाई योजना
इस मामले में सबसे बड़ा पेच वराही क्लीनिक का है। यह साक्ष्य पुलिस ने जांच कमेटी को उपलब्ध कराया था। इंपायर क्लीनिक और वराही क्लीनिक दोनों केशवपुरम में हैं, लेकिन पता अलग-अलग है। जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टर ने बचाव के लिए पहले से ही सतर्कता बरती। जहां हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता रहा है, वहां का कोई उल्लेख व्यक्ति को दिए जाने वाले कागजातों में नहीं है।